आईएमए में 451 कैडेट्स ने पूरी की सैन्य यात्रा
419 भारतीय सेना का हिस्सा बने
- “सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भीक बनो: श्रीलंका सेना प्रमुख
- कुल 452 कैडेट कदमताल के साथ परेड के लिए पहुंचे
- नौ मित्र राष्ट्र के 32 कैडेट्स भी पास आउट हुए
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में गहन प्रशिक्षण लेने वाले 451 जांबाज कैडेट आज पास आउट हो गए। पासिंग आउट परेड (पीओपी) में अंतिम पग पार करते ही 419 जांबाज अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 32 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। समारोह के मुख्य अतिथि श्रीलंका सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लसंथा रोड्रिगो ने बतौर रिव्यूइंग अफसर परेड की सलामी ली।
आईएमए के चेटवुड बिल्डिंग के ड्रिल स्क्वॉयर में आज सुबह 156वीं पासिंग में आर्मी बैंड की धुन पर एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार हौसले के साथ 156 नियमित पाठ्यक्रम, 45 तकनीकी प्रवेश योजना और 139 तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम, विशेष कमीशन अधिकारी (एससीओ-54) के कुल 452 कैडेट कदमताल के साथ परेड के लिए पहुंचे। कंपनी सार्जेट मेजर ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। इसके बाद परेड कमांडर ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ।
कैडेट्स के शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठा हर एक शख्स मंत्रमुग्ध हो गया। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। परेड के उपरांत आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 451 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 419 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले। नौ मित्र राष्ट्र के 32 कैडेट्स भी पास आउट हुए। इस मौके पर सेना के हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
समारोह के मुख्य अतिथि श्रीलंका सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लसंथा रोड्रिगो ने पास आउट कैडेटों को प्रशिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल लसंथा रोड्रिगो खुद दिसंबर 1990 में आईएमए के 87 वें कोर्स से कमीशन प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने आईएमए में अपनी पुरानी यादें भी ताजा की।श्रीलंका सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण कर पास आउट हो रहे ऑफिसर कैडेट्स को बधाई दी और उत्कृष्ट परेड, अनुशासित परिधान और अद्वितीय समन्वय के लिए प्रशिक्षकों और कैडेट्स की सराहना की। यह दौरा भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच पारंपरिक, सुदृढ़ और ऐतिहासिक सैन्य संबंधों का परिचायक है व आपसी सहयोग को और सशक्त बनाएगा।
परेड को संबोधित करते हुए समीक्षा अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो ने भावुक होते हुए कहा कि आईएमए के पूर्व छात्र होने के नाते इस ऐतिहासिक परेड की समीक्षा करना उनके लिए गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने याद किया कि किस प्रकार एक साधारण बाल कटवाने के साथ उनकी सैन्य यात्रा की शुरुआत इसी अकादमी से हुई थी। उन्होंने कहा कि वर्दी केवल एक पद का प्रतीक नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। एक सच्चा अधिकारी अपने चरित्र, आचरण और निर्णयों से अपने अधीनस्थों का विश्वास अर्जित करता है, यह सम्मान केवल रैंक से नहीं मिलता, यह हर दिन के कर्म से कमाया जाता है।
श्रीलंका सेना प्रमुख ने कहा कि आईएमए न केवल सैनिकों को प्रशिक्षण देती है, बल्कि राष्ट्र के भावी रक्षकों का निर्माण करती है। उन्होंने कैडेट्स से विवेकपूर्ण नेतृत्व करने, सत्य और न्याय के लिए संघर्ष करने व राष्ट्र की आशाओं को गर्वपूर्वक आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कैडेट्स अब जीवनभर चलने वाले सैन्य बंधुत्व का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रेरणास्पद शब्दों के साथ अपना संबोधन समाप्त किया – “सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भीक बनो।”परेड के समापन अवसर पर समीक्षा अधिकारी ने सभी कैडेट्स से राष्ट्र सेवा के लिए पूर्ण समर्पण का आह्वान किया और कहा, “आप अपने कमीशनिंग के उस ऐतिहासिक और गौरवशाली क्षण से केवल एक कदम दूर हैं।
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