प्रतापगढ़ के चारू नर्सिंग कॉलेज में पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी का सफल आयोजन
प्लास्टिक के दुष्प्रभाव और समाधान विषय पर आयोजित हुई विशेष कार्यशाला
प्रतापगढ़। विश्व पर्यावरण दिवस पखवाड़े के अवसर पर जनपद प्रतापगढ़ के चारू नर्सिंग कॉलेज ऑफ एजुकेशन में पर्यावरण संरक्षण को केंद्र में रखते हुए एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्व युवक केंद्र एवं संभव फाउंडेशन, प्रतापगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का मुख्य विषय प्लास्टिक प्रदूषण और इसके पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर केंद्रित रहा। संगोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक मानव स्वास्थ्य, जल स्रोतों, मिट्टी की उर्वरता और जैव विविधता के लिए अत्यंत हानिकारक है। इस दौरान प्रतिभागियों को पर्यावरण अनुकूल विकल्पों के उपयोग हेतु प्रेरित किया गया।
कार्यशाला में विद्यार्थियों और स्टाफ को यह बताया गया कि किस प्रकार दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव कर हम प्लास्टिक पर निर्भरता को कम कर सकते हैं। जैसे — कपड़े या जूट के थैलों का प्रयोग, पुन: उपयोग योग्य वस्तुओं को प्राथमिकता देना तथा प्लास्टिक कचरे का उचित निपटान इत्यादि।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य अजय ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “युवाओं को चाहिए कि वे पर्यावरण संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी समझें और हर स्तर पर इसके लिए प्रयास करें।”
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला मानसिक स्वास्थ्य एवं तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभारी मुकेश मौर्य ने प्लास्टिक के दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा, “प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग न केवल हमारे पर्यावरण, बल्कि मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर चुनौती बन चुका है।”
संभव फाउंडेशन के प्रतिनिधि प्रभात पांडेय ने संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी तथा युवाओं से इस अभियान में सक्रिय सहभागिता की अपील की। साथ ही विशेष पांडेय ने तकनीकी सत्र में भाग लेते हुए प्लास्टिक प्रबंधन से संबंधित सरल और व्यावहारिक उपायों को साझा किया।
इस अवसर पर कॉलेज की शिक्षिकाएं, स्टाफ सदस्य, नर्सिंग छात्राएं तथा अन्य स्थानीय प्रतिभागी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थितजनों ने पर्यावरण संरक्षण की सामूहिक शपथ ली और संकल्प लिया कि वे अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल आदतें अपनाएंगे तथा समाज को भी इस दिशा में जागरूक करेंगे।
कार्यक्रम की सफलता पर आयोजकों ने भविष्य में भी इस प्रकार की जागरूकता गतिविधियों को निरंतर जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
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