एस एन एम हॉस्पिटल के तीमारदार इधर से उधर घुमने को मजबूर

एस एन एम हॉस्पिटल के तीमारदार इधर से उधर घुमने को मजबूर

फ़िरोज़ाबाद, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध जिला एस एन एम अस्पताल परिसर में निर्माण कार्य कराने से काम नही चलेगा अस्पताल में आये रोगियों का उपचार करने से काम चलेगा जिला अस्पताल की स्थिति ऐसी हो गयी है। कि चिकित्सको में मानवता नाम की चीज समाप्त हो गयी है।  रोगियों और उसके तीमारदार को भीषण गर्मी में  इधर से उधर भटकना पड़ता है।

केन्द्र और प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुद्रण बनाने के लिये विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमो का आयोजन कर रोगियों को उपचार कराने के लिये संकल्पित है। केन्द्र सरकार ने निर्धन रोगियों को उपचार के लिये आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाएं  जारी कर , पांच लाख रु तक का इलाज निशुल्क कराने की व्यवस्था की है। इस आयुष्मान कार्ड के माध्यम से गम्भीर रोग से ग्रसित मरीज उपचार पा रहे है।

लेकिन मेडिकल कॉलेज से जुड़े जिला एसएनएम चिकित्सालय  में कार्यरत चिकित्सको में मानवता नाम की चीज समाप्त हो गयी है। वह पीड़ित रोगियों के तीमारदारों को इधर से उधर भटकाते रहते है। जिसका उदाहरण मंगलवार को उस समय देखने को मिला जब एक दम्पत्ति अपनी नातिन को पांच माह पूर्व घर मे आग लगने की बजह से झुलस गयी थी, उसे उपचार के लिये इधर से उधर भटकते देखा गया।
थाना बसई मोहम्मदपुर क्षेत्र के गाँव गढ़ी तिवारी निवासी उदय सिंह अपने पुत्र वीनेश की 05 माह की बेटी जो घर मे आग लग जाने  से झुलस गई थी, जिसका उपचार चल रहा है। हालत में सुधार होने पर परिजन उसे घर ले गये। मंगलवार की प्रातः आग से झुलसी इस दुधमुंही बालिका की हालत बिगड़ गयी। परिजन उसे जिला अस्पताल की सौ शैय्या में  ले गये। जहां चिकित्सक व स्टाफ ने बालिका को देखना तो दूर रहा, परिजनों को यह कहकर टाल दिया, कि इसे जिला अस्पताल के 36नम्बर कक्ष में ले जाकर चिकित्सक को दिखाओ, परिजन उसे वहाँ लेकर पहुँचे, तो चिकित्सक ने यह कहकर टाल दिया, कि इसे सरकारी ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी ले जाओ,  परिजन जब उसे वहाँ लेकर पहुँचे, तो वहाँ ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने सौ शैय्या अस्पताल में ले जाने के लिये कह दिया। पीड़ित परिवार इस नन्ही सी जान को गोदी में लिये हुए, पड़ रही उमस भरी भीषण गर्मी में इधर से उधर लेकर भटकते रहे,  जब इसकी जानकारी मीडिया को हुई तब  जाकर उनको सौ शैय्या में भर्ती के लिये भेजा गया। तब बड़ी मुश्किल से बालिका को भर्ती कर उपचार किया गया।
गौर तलब है , कि यह कोई पहला मामला नही है, इस प्रकार के कई मामले पूर्व में भी देखने को मिले है। कि तीमारदार रोगी को इधर से उधर लेकर भटकते देखे गये है।
जिला एस एन एम अस्पताल जबसे स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से जुड़ा है। तभी से केन्द्र और प्रदेश सरकार ने रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चिकित्सालय परिसर में निर्माण कराने के लिये करोड़ो की धनराशि स्वीकृत की है। इस धनराशि से चिकित्सालय परिसर में 06 मन्जिल का दो सौ शैय्या बिल्डिंग का  भवन बना खड़ा है, जो सफेद हाथी बनकर रह गया है।अब इसी चिकित्सालय परिसर में क्रिटिकल केयर सेंटर का निर्माण कार्य सोमवार से शुरू करा दिया है। यही नही रोगियों की जाँच के लिये एटीएम हेल्थ मशीन के अलावा अल्ट्रासाउंड मशीन भी लगवाई गयी है। लेकिन यह सभी चिकित्सको के न होने के कारण अनपयोगी साबित हो रही है।

Tags:

About The Author

Related Posts

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

प्रसार भारती का ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्ज अब आम जनता के लिए उपलब्ध प्रसार भारती का ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्ज अब आम जनता के लिए उपलब्ध
जोधपुर । प्रसार भारती द्वारा विकसित ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्ज अब आम जनमानस के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। इस...
कार में लगी आग, बाल-बाल बचे लाेग
बांसवाड़ा में शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग
उपायुक्त कार्यालय परिसर में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन
सरायकेला शादी का झांसा देकर युवती का यौन शोषण, आरोपित गिरफ्तार
रांची में अनियंत्रित बाइक डिवाइडर से टकराई, दाे की माैत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामीचारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को परखने पहुंचे ऋषिकेश