इतिहास की धारा बदलने वालें राष्ट्रवादी पत्रकार थें अटल वाजपेयी- डॉ० मनीष
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बिक्रमगंज (रोहतास) बिहार प्रदेश भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ महामंत्री डॉ० मनीष रंजन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 99वीं जयंती पर उनके तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में वर्ष 2014 में सरकार में जवाबदेही के लोगों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इसे सुशासन दिवस जयंती के रूप में हर साल मनाने का निर्णय लिया गया था। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बनें रहे। जो सबसे पहले 1996 में 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। दूसरी बार वह 1998 में प्रधानमंत्री बने।साथ ही काराकाट विधानसभा भावी प्रत्याशी भाजपा नेता डॉ० मनीष ने बताया कि वाजपेयी जी के राजनीतिक और साहित्यिक पक्ष से दुनिया भली भांति परिचित है। जो सोशल मीडिया पर आज भी अटल बिहारी वाजपेयी की बातें हर उम्र के लोगों के दिलों पर गहरा प्रभाव डालने हुए उनके बताएं मार्ग पर आज भी लोगों को चलने को विवश कर देती है। चाहें संसद में उनकी राजनीतिक बातें हो या साहित्य के मंच पर उनकी कविताएं अटल बिहारी वाजपेयी की बातों में राष्ट्र प्रेम सर्वोपरि हमेशा झलकता नजर आता है। यह दिवस को मानना का मुख्य उद्देश्य भारतवासियों को सरकार के प्रति जागरूकता फैलाना है। ज्ञात हो कि वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा भारत के राजनीतिक इतिहास में एक कुशल राजनीतिज्ञ, प्रशासक, भाषाविद, कवि, पत्रकार और लेखक के स्वरूप विश्वस्तरीय पहचान रखते थे।
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