लोक गायिका की बहन को घर से जबरन उठाया, फिर सामूहिक दुष्कर्म

लोक गायिका की बहन को घर से जबरन उठाया, फिर सामूहिक दुष्कर्म

सासाराम: बिहार के रोहतास में नाबालिग के सामूहिक दुष्कर्म की वारदात ने एक बार फिर पुलिस-प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. घटना जिले के कोचस इलाके की है, जहां 14 वर्षीय नाबालिक बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया है. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल अवस्था में बच्ची को सासाराम सदर अस्पताल में भर्ती कराया है. डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता के शरीर पर कई जगह जख्म के निशान हैं, उसका पैर भी टूट गया है.

नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म
बताया जाता है कि नाबालिग बच्ची कोचस के एक गांव की रहने वाली एक स्थानीय लोक गायिका की बहन है. देर रात वह अपने पड़ोस के चाचा के घर से खाना खाकर अकेली लौट रही थी. इसी दौरान बाइक सवार तीन लड़को ने उसे जबरन अपने बाइक पर बैठा कर झाड़ी में ले गए. जहां उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर मारपीट के बाद फेंक दिया.

एसपी ने की पीड़िता से मुलाकात
स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए सासाराम सदर अस्पताल में भर्ती कराया है. रोहतास एसपी विनीत कुमार ने भी सदर अस्पताल पहुंचकर बच्ची का हाल-चाल लिया और परिजनों से जानकारी ली. वहीं, थानाध्यक्ष ने बताया, 'घटना की बारीकी से जांच की जा रही है. दुष्कर्म हुआ है या नहीं, यह मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही कहा जा सकता है.'

क्या बोली पीड़िता की बहन?
वहीं, पीड़िता की बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि 4 साल पहले भी उसकी बहन के साथ गांव के ही कुछ लड़कों ने गलत काम किया था. उस वक्त उन लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई थी. ऐसे में उन लोगों का मनोबल बढ़ गया. यही वजह है कि बीती रात अकेली पाकर मेरी बहन को उठा लिया गया और उसके साथ रेप करने के बाद उसे झाड़ी में फेंक दिया. इसे दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की गई.

"मेरी बहन को तीन बाइक सवार बदमाशों ने जबरन बाइक पर बिठा कर कहीं ले गए. फिर उसके साथ हैवानियत किया. उसकी छोटी बहन को नशा पिलाकर उसके साथ गलत काम किया गया है. पहले भी इन लोगों ने ही बहन के साथ गलत किया था. हमें और हमारे परिवार को न्याय चाहिए."- पीड़िता की बहन

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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