7 राज्यों की 13 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे आज
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद देश एक और चुनावी नतीजे का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। आज 7 राज्य की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आने वाले हैं। एक बार फिर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच में कांटे की टक्कर है, कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला है।उपचुनाव की सारी जानकारीअब समझने वाली बात यह है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में कई ऐसे विधायक रहे जिन्होंने अपनी विधायकी छोड़कर सांसदी का चुनाव लड़ा। इसी वजह से विधानसभा में वो सीटें खाली हो गईं। वही कुछ ऐसी सीट भी सामने आईं जहां पर वर्तमान विधायकों का निधन हुआ और उस वजह से भी कुछ सीटों पर उपचुनाव देखने को मिला। अब 10 जुलाई को इन सभी 13 विधानसभा सीटों पर वोटिंग संपन्न हो चुकी है। आज यानी कि रविवार को इन सभी 13 सीटों का परिणाम आने वाला है, जिसकी भी जीत दर्ज होगी उसका पलड़ा एक बार फिर भारी हो जाएगा।
गैरों में कहां दम था…
MLC चुनाव में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग का असल कारण जानते हैं?किन राज्यों में हुई वोटिंग?जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश की एक, उत्तराखंड की दो, पंजाब की एक, बंगाल की चार, तमिलनाडु की एक और हिमाचल की तीन सीटों पर इस बार उपचुनाव हुआ है। 14 जून को ही चुनाव आयोग द्वारा इस बाय इलेक्शन के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था। इस बार बिहार की रुपौली सीट, पश्चिम बंगाल की रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बगदाह सीट पर उपचुनाव हुए हैं। इसी तरह तमिलनाडु की विक्रवंदी, मध्य प्रदेश की अमरावाड़ा, उत्तराखंड की बद्रीनाथ और मंगलौर, पंजाब की जालंधर वेस्ट, हिमाचल की देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ सीट पर वोटिंग हुई है।बिहार का मुकाबलाअब कहने को तो सभी सीटों पर इस बार वोटिंग हुई है लेकिन कुछ ऐसी सीटें हैं जो दोनों एनडीए और इंडिया गठबंधन के लिए मायने रखती हैं और वहां पर मुकाबला भी काफी कड़ा देखने को मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बिहार की रुपौली सीट है। रुपौली सीट पर मुकाबला जेडीयू बनाम आरजेडी का रहने वाला है। इस सीट से जेडीयू ने कलाधर मंडल को अपना प्रत्याशी बनाया है, वही राजद ने बीमा भारती पर भरोसा जताया है। अब सीट का जातीय समीकरण कुछ ऐसा है कि यहां पर गंगोता समाज की अच्छी उपस्थिति मानी जाती है। इसी समाज से बीमा भारती और जदयू के उम्मीदवार कलाधर मंडल आते हैं, ऐसे में मुकाबला काफी करीबी का और कांटे का रहने वाला है।
बंगाल का रण
सबसे तगड़ा मुकाबला इस बार पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है क्योंकि यहां चार सीटों के नतीजे आने वाले हैं। बंगाल की मानिकतला,रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बगदाह सीट पर उपचुनाव हुआ है। इनमें से तीन सीटें तो ऐसी हैं जहां पर भाजपा विधायक ही टीएमसी में शामिल हो गए थे। उन तीनों नेताओं ने ना सिर्फ टीएमसी ज्वाइन की बल्कि इस बार का लोकसभा चुनाव भी लड़ा। लेकिन वहां पर उनकी हार हो गई, ऐसे में इन तीनों ही सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। वही मानिकतला सीट की बात करें तो यहां पर टीएमसी विधायक का निधन हो गया और उस वजह से वो सीट इस पर खाली हुई है।इस बार मानिकतला सीट से टीएमसी ने साधन पांडे की पत्नी सुक्ति पांडे को अपना उम्मीदवार बना दिया है, वहीं भाजपा ने एक बार फिर कल्याण चौबे पर दांव लगाया है। इसी तरह बंगाल की रायगंज सीट पर टीएमसी प्रत्याशी कृष्णा कल्याणी उम्मीदवार बने हैं और मुकाबला मानस कुमार घोष से रहा है। आज के नतीजे में इस सीट पर बड़ा खेल हो सकता है। इसी तरह वाम के बड़े नेता मोहित सिंह गुप्ता लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन के इस सीट से प्रत्याशी हैं। बागदाह विधानसभा सीट पर इसी तरह टीएमसी ने मधुपर्णना और बीजेपी ने बिनय कुमार विश्वास को उतार दिया है।
राणाघाट दक्षिण की बात करें तो यहां से मुकुट मणि अधिकारी को टीएमसी ने अपना प्रत्याशी बनाया है, वही उनको कड़ा मुकाबला देने का काम बीजेपी के मनोज कुमार विश्वास कर रहे हैं। ऐसे में बंगाल की चार सीटों पर क्या नतीजे रहते हैं, उसका आने वाले कई चुनाव में असर देखने को मिलने वाला है।हिमाचल की सिायसी लड़ाईअगर हिमाचल प्रदेश की बात करें तो देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ सीट पर भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। बड़ी बात यह है कि जिन तीन सीटों पर इस बार उपचुनाव हुआ है उन पर वर्तमान में निर्दलीय विधायकों ने जीत दर्ज की थी। उनके इस्तीफा के बाद ही यह सीटें खाली हुई हैं। ऐसे में इन तीनों ही सीटों पर ना कांग्रेस का वर्चस्व था और ना ही भाजपा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन अब दोनों कांग्रेस और बीजेपी इन तीनों सीटों पर अपने लिए उम्मीद देख रही है।
समझने वाली बात यह भी है जिन तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया था, उन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में अपना वोट किया और फिर वह पार्टी में शामिल भी हो गए। इसी वजह से उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई थी। अब बीजेपी एक तरफ लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन की वजह से हिमाचल में तीनों सीटों पर जीत का दावा कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी अपने अच्छे प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त है।एमपी में आमने-सामने की टक्कर
मध्य प्रदेश की बात करें तो वहां भी एक सीट पर उपचुनाव हो रहा है अमरवाड़ा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल आ गया है। अमरावाड़ा से बीजेपी ने कमलेश शाह को उतारा है तो कांग्रेस ने धीरन शाह को मौका दिया है। इस आदिवासी बहुल सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।उत्तराखंड में कड़ा मुकाबलाउत्तराखंड की बात करें तो वहां पर भी दो सीटों पर उपचुनाव हुआ है। एक तरफ बद्रीनाथ सीट कांग्रेस के वर्तमान विधायक राजेंद्र भंडारी के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई तो वही मंगलौर सीट पर करतार सिंह भड़ाना, कांग्रेस के पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन और बीएसपी के उबेदुर रहमान के बीच मुकाबला देखने को मिला है।
तमिलनाडु में प्रतिष्ठा की लड़ाई
तमिलनाडु की भी विक्रवंदी सीट पर कड़ा मुकाबला इस बार रहा है। डीएमके के ही विधायक के एन पुगझेंथी के निधन के बाद सीट खाली हो गई थी। इसी सीट पर एनडीए की साथी पीएमके और डीएमके के बीच में सीधा मुकाबला इस बार रहा है। अब कौन बाजी मारता है, यह नतीजों में साफ होने जा रहा है। अब अगर बीजेपी इस उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो साफ कहा जा सकता है कि लोकसभा में कुछ झटकों के बाद भी पार्टी ने फिर कई राज्यों में वापसी की है। दूसरी तरफ अगर इंडिया गठबंधन फिर कड़ी टक्कर देता है और कई सीटें बीजेपी से छिटक लेता है, उस स्थिति में विपक्षी एकता वाली नींव और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।
About The Author

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
टिप्पणियां