दहेज लेना या देना कानूनन अपराध: राकेश कुमार
। दहेज एक सामाजिक बुराई है जिसके कारण समाज में महिलाओं के प्रति अकल्पनीय यातनाएं और अपराध उत्पन्न हुए हैं तथा भारतीय वैवाहिक व्यवस्था दूषित हुई है। जिला प्रोबेशन अधिकारी/ जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी राकेश कुमार द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि दहेज शादी के समय दूल्हे के घर वालों को लड़की के परिवार द्वारा नगद या वस्तु के रूप में किया जाने वाला भुगतान है।
आज सरकार ने केवल दहेज प्रथा को मिटाने के लिए बल्कि बालिकाओं की स्थिति के उत्थान के लिए कई कानून एवं योजनाएं संचालित कर रहा है।उन्होंने बताया कि इस समस्या से छुटकारा पाने में लोगों की सामाजिक एवं नैतिक चेतन को प्रभावी बनाना महिलाओं को शिक्षा तथा आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना एवं दहेज प्रथा के खिलाफ कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने में मददगार हो सकता है।
दहेज लेना या देना या दहेज के लिए उकसाना दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के अंतर्गत अपराध है। जिसके लिए 5 साल तक की कैद अथवा 15 हजार रुपए या दहेज की रकम जो भी अधिक हो का जुर्माने का प्राविधान है।प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दहेज की मांग पर 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा तथा₹10 हजार जुर्माने का प्राविधान है।
विवाह के उपरांत दोनों पक्षों द्वारा दिए गए उपहार की हस्ताक्षरित सूची अनिवार्य रूप से एक माह के भीतर जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी। दहेज संबंधित किसी भी शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 112, 181, 1098 डायल करें अथवा अधिक जानकारी हेतु कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास भवन अंबेडकर नगर में संपर्क कर सकते हैं।
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