आंतरिक अशांति का बहाना बना देश के लोगों पर थोपा आपातकाल=पूर्व डीजीपी बृजलाल
अंबेडकर नगर । कांग्रेस सरकार की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 की आधी रात में आंतरिक अशांति का बहाना बना कर भारत पर आपातकाल थोपे जाने पर भाजपा उस दिन को काला दिवस के रूप में मनाती है।जिसके अन्तर्गत बुधवार को भाजपा जिला कार्यालय अटल भवन में आपात काल की विभीषिका पर लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन,9 लोक तंत्र सेनानियों का सम्मान,जिला कार्यालय पर प्रेस वार्ता और लोहिया भवन के सभागार में मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी राज्य सभा सदस्य बृजलाल ने भाजपा जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी को संबोधित किया। भाजपा जिला कार्यालय अटल भवन में मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी राज्य सभा सदस्य बृजलाल ने क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राहुल रस्तोगी,भाजपा जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी,पूर्व सांसद रितेश पाण्डेय,कार्यक्रम संयोजक अंशुमान सिंह और भाजपा जिला मीडिया प्रभारी बाल्मीकि उपाध्याय के साथ प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया।
प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत और गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार की दमनकारी नीतियों ने 25 जून 1975 को देश में आधी रात को आंतरिक अशांति का बहाना बना कर भारत के लोगों पर आपातकाल थोप कर विपक्षी दलों के नेताओं को जेलों में ठूंस कर अमानवीय व्यवहार किया था। आपातकाल का निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने आपातकाल की अध्याय में न केवल लोक तांत्रिक संस्थाओं को रौंदा बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता,न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर को कुचला गया था। 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है। भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राहुल राज रस्तोगी ने अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखला कर थोपा गया था। इंदिरा गांधी ने संविधान की आत्मा को कुचलते हुए लोक तंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया था।कहा कि कार्यपालिका,विधायिका और न्यायपालिका सहित लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को बंधक बना कर सत्ता के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
अध्यक्षता करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी ने कहा कि जब जब कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया गया है,उसने न जनादेश का सम्मान किया है,न विपक्ष की गरिमा बनाए रखी। कांग्रेस पार्टी जिन संस्थाओं को लोकतंत्र का रक्षक कहती हैं,उन्हीं संस्थाओं को अपने शासन में रबर स्टैम्प बना देती है। कहा कि भाजपा कार्यकर्ता के मान सम्मान से कभी भी समझौता नहीं किया जायेगा। संचालन जिला महामंत्री दिलीप पटेल देव ने किया।
गोष्ठी में मुख्य रूप से विधायक धर्म राज निषाद,अल्प संख्यक मोर्चा प्रदेश मंत्री नेहा खान,पूर्व जिलाध्यक्ष कपिल देव वर्मा,राम प्रकाश यादव,ज्ञान सागर सिंह,रमा शंकर सिंह,त्रिवेणी राम,अनीता कमल, विद्यावती राजभर,ब्लॉक प्रमुख संजय सिंह,के के मिश्र,डॉ राना रणधीर सिंह,रमेश चंद्र गुप्ता,विमलेंद्र प्रताप सिंह मोनू,संजय सिंह,विनय पाण्डेय,पंकज वर्मा,दिनेश पाण्डेय,राम किशोर राजभर,विजय विश्वकर्मा,अशोक उपाध्याय,अमर नाथ सिंह,डॉ धीरेंद्र प्रताप सिंह, सतपाल पटेल,लोक तंत्र सेनानी मग्गू राम,रमा शंकर गुप्ता सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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