बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के विरोध में 90वें दिन प्रान्त व्यापी विरोध
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा द्वारा विधान परिषद में निजीकरण को लेकर दिया गया वक्तव्य मौजूदा सरकार के साथ हुए समझौतों के सर्वथा विपरीत है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि ऊर्जा मंत्री के बयान से सरकार के साथ हुए समझौतों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार सुधार में लगे बिजली कर्मियों में इस वक्तव्य से निराशा और गुस्सा पैदा हुआ है।
समिति ने कहा कि भय और अविश्वसनीयता के वातावरण के चलते योग्य और अनुभवी अभियन्ता लगातार स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले कर जा रहे है। जनवरी और फरवरी माह में आठ मुख्य अभियंताओं और तीन अधीक्षण अभियंताओं ने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले ली है। विभाग छोड़ने का क्रम जारी है।
ऐसे में ऊर्जा मंत्री के बयान से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में स्थितियां और बिगड़ सकती है। इसका विभाग की कार्य संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता दिख रहा है। समिति के आवाहन पर आज लगातार 90 वें दिन बिजली कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में निजीकरण के विरोध में सभी जनपदों और परियोजनाओं पर प्रदर्शन जारी रखा।
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