लावारिस मुक्त राजस्थान : उदयपुर के अपना घर से गुरुवार को रवाना होंगी रेस्क्यू एम्बुलेंस
उदयपुर। आश्रयहीन का आश्रय कहे जाने वाले भरतपुर के अपना घर आश्रम के साथ राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने मिलकर राजस्थान को लावारिस मुक्त प्रदेश बनाने का अभियान शुरू किया है। इसी के तहत अपना घर के उदयपुर स्थित आश्रम से रेस्क्यू एम्बुलेंस सेवाएं 29 फरवरी से 5 मार्च तक उदयपुर संभाग में दौड़ेंगी। जहां से भी किसी आश्रयविहीन की सूचना मिलेगी, उसे रेस्क्यू कर अपना घर आश्रम लाया जाएगा। मिशन प्रभारी शैलेन्द्र त्यागी ने बुधवार को उदयपुर स्थित अपना घर आश्रम में मीडिया को अभियान और अपना घर के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अपना घर आश्रम की विचारधारा के अनुरूप ‘कोई भी आश्रयहीन असहाय बीमार सेवा एवं संसाधनों के अभाव में दम न तोड़े’ के क्रम में संस्था द्वारा राजस्थान प्रदेश को लावारिस मुक्त बनाने का अभियान शुरू किया जा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक उम्र के असहाय, लावारिस, बीमार प्रभुजनों को रेस्क्यू किया जा सकेगा। अपना घर आश्रम आश्रयविहीन मिलने वाले लोगों को प्रभुजन की संज्ञा से संबोधित करता है। त्यागी ने कहा कि प्रभुजन कहने से सेवा की भावना और भी परिष्कृत हो जाती है। इस अभियान के लिए संस्था द्वारा हेल्पलाइन नंबर 7412061028 जारी किया गया है। इस हेल्पलाइन नंबर पर आम नागरिक भी सूचना दे सकेंगे। सूचना मिलते ही ऐसे प्रभुजनों को अपना घर की टीम द्वारा रेस्क्यू कर लाया जाएगा तथा आश्रम में लाकर सभी आवश्यकताएं जैसे आवास, चिकित्सा, भोजन के साथ जीवनयापन की सभी आवश्यकताएं उपलब्ध कराई जाएगी। अधिक कॉल आने की स्थिति में एंबुलेंस की आवश्यकता होने पर 100 एम्बुलेंस तक किराये पर ली जा सकेंगी। किराये का भुगतान संस्था द्वारा किया जाएगा।
रेस्क्यू अभियान के लिए पूरे प्रदेश को सुविधा की दृष्टि से 7 भागों में बांटा गया है जिनमें प्रत्येक क्षेत्र के लिए संस्था की 4 एम्बुलेंस लगातार 6 दिन तक रहेंगी। जिन क्षेत्रों में एम्बुलेंस या किसी भी अन्य प्रकार की आवश्यकता होगी उससे सम्बन्धित समस्त व्यवस्थाओं के लिए संभाग प्रभारी तथा जिला प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इस अभियान में सातों सम्भागों में 28 एम्बुलेंस के साथ 122 का स्टाफ जिसमें केयरटेकर, मेडिकल कर्मी, चालक, महिला केयरटेकर आदि शामिल हैं। इस अभियान के लिए संस्था द्वारा 1000 आवासीय क्षमता का भवन भरतपुर मुख्यालय पर तैयार किया है जिसमें बैड, गद्दा, तकिया, चादर, बिजली-पानी, मनोरंजन, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। साथ ही इनकी जरूरतों के हिसाब से स्टाफ रखा गया है। एक हजार से अधिक प्रभुजन आने पर राज्य के 22 आश्रमों पर 10 बैड से लेकर 100 बैड तक ऐसे प्रभुजनों के लिए आरक्षित किये गये हैं। उदयपुर अपना घर आश्रम के अध्यक्ष व सहयोगी गोपाल कनेरिया ने बताया कि संस्था द्वारा राजस्थान राज्य में 22 अपना घर आश्रमों का संचालन किया जा रहा है। रेस्क्यू होने वाले इन प्रभुजनों को नजदीकी आश्रमों में भेजा जाएगा, वहां स्थान कम होने या गंभीर बीमार होने की स्थिति में प्रभुजनों को भरतपुर आश्रम भेजा जाएगा। इस अभियान में महिला प्रभुजनों को रेस्क्यू करने के लिए महिला सेवासाथियों को रेस्क्यू टीम में नियुक्त किया गया है। उन्हें स्थिति के अनुसार कोटा अथवा भरतपुर आश्रम भेजा जाएगा।
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