नेशनल हाइवे पर हाईटेंशन लाइन टॉवर हटाए बिना बना दी फोरलेन
बाड़मेर। बाड़मेर और जैसलमेर जैसे दो बड़े जिलों को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 68 के बीचों-बीच एक हाईटेंशन लाइन के टाॅवर को हटाया भी नहीं गया और हाईवे बना दिया गया। इससे यहां से गुजरने वाला हर शख्स हैरान है। जिले के कपूरड़ी-जालीपा में नेशनल हाईवे 68 पर हाईवे निर्माण कंपनी ने हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटाए बिना ही हाईवे बना दिया है। हाईवे के बीचों-बीच हाईटेंशन विद्युत टावर होने के चलते सड़क से गुजरने वाले राहगीरों और वाहनों को हर वक्त हादसे का डर सताता है। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन इन्द्र प्रकाश ने बताया कि हाई टेंशन विद्युत लाइन को हटाने के लिए एप्लिकेशन भेजी गई है। संबंधित विभाग से अप्रूवल आने के बाद शटडाउन लेकर टॉवर हटाने की कार्रवाई की जाएगी। सड़क को दोनों साइड से ब्लॉक कर दिया गया है, ताकि साइड से वाहनों का आवागमन हो सके। पहले भी ब्लॉक किया गया था, लेकिन किसी ने हटा दिया। अब ऐसा फिर से कर दिया गया है, ताकि साइड से होकर वाहन जाए। करीब 15-20 दिन में विद्युत प्रसारण की ओर से अप्रूवल आने के बाद विद्युत की हाईटेंशन तारों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
जिले में कपूरड़ी-जालीपा लिग्नाइट परियोजना के लिए जमीन अवाप्ति के दौरान भाडखा से जालीपा तक करीब 20 किलोमीटर हाईवे खनन इलाके के बीच आ जाने के बाद अब इस हाईवे को कोयला खनन क्षेत्र से हाल ही में शिफ्ट किया गया है। करीब 160 करोड़ की लागत से 28 किलोमीटर हाईवे का निर्माण करवाया गया है। इस दौरान हाईटेंशन पाॅवर लाइन का टाॅवर हाईवे के बीचों-बीच आ गया, लेकिन ठेकेदार ने 132 केवी हाईटेंशन लाइन को हटाए बगैर ही हाईवे का निर्माण कर दिया। सड़क निर्माण होने के बाद अब इस टाॅवर के नीचे से वाहनों की आवाजाही का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ऐसे में अब हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है।
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