नक्सल मसले पर भाजपा सरकार मति भ्रम की शिकार : कांग्रेस
गृहमंत्री को कैसे पता किससे वीडियो कांफ्रेंसिंग करनी है?
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि सरकार समझ ही नहीं पा रही कि उसे क्या करना है? राज्य के गृहमंत्री पहले तो कहते है नक्सलियों से सख्ती से निपटा जायेगा, अब उनका बयान आया है कि नक्सलवादियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग माध्यम से बात करेंगे गृहमंत्री के बयान से बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सरकार के पास नक्सलियों के बारे में पूरी जानकारी है? सरकार को यह पता है कि अमुक व्यक्ति नक्सल गतिविधि में लिप्त है, जब सरकार के पास इतनी पुख्ता जानकारी है तो फिर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से रोक कौन रहा है? सरकार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय खुद पहल करके बात करने वह भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत का प्रस्ताव क्यों रखा है?
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार बने एक महीने पूरा हो गया है अभी तक सरकार ने नक्सलवाद जैसे महत्वपूर्ण मसले पर अपना कोई राय नहीं बना पाई है। सरकार मति भ्रम का शिकार है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नक्सलवाद पर एक ठोस नीति बनाया था विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूल मंत्र को लेकर कांग्रेस सरकार आगे बढ़ी थी, जिसके सकारात्मक परिणाम आये और राज्य में नक्सली गतिविधियों में 80 प्रतिशत तक की कमी आई थी तथा रमन राज में नक्सलवाद 15 जिलों तक पहुंच गया था। कांग्रेस सरकार के पांच सालों में बस्तर के सूदुर क्षेत्रों तक सिमट गया था। वर्तमान भाजपा सरकार के अनिर्णय के कारण राज्य में एक बार फिर नक्सली गतिविधियां बढ़ गई है।
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