अन्न दान का महापर्व छेरछेरा धूमधाम के साथ मनाया गया
धमतरी।अन्न दान का महापर्व छेरछेरा गुरूवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान लोग घर-घर जाकर लोग अन्न का दान मांगते हैं। वहीं गांव के युवक घर-घर जाकर डंडा नृत्य करते हैं। लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही बच्चे, युवक व युवतियां हाथ में टोकरी, बोरी आदि लेकर घर-घर छेरछेरा मांगते हैं। वहीं युवकों की टोलियां डंडा नृत्य कर घर-घर पहुंचती हैं। धान मिंजाई हो जाने के चलते गांव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेर छेरा मांगने वालों को दान करते हैं। इन्हें हर घर से धान, चावल व नकद राशि मिलती है। इस त्योहार के दस दिन पहले ही डंडा नृत्य करने वाले लोग आसपास के गाँवों में नृत्य करने जाते हैं। वहां उन्हें बड़ी मात्रा में धान व नगद रुपये मिल जाते हैं। इस त्योहार के दिन कामकाज पूरी तरह बंद रहता है। इस दिन लोग प्रायः गांव छोड़कर बाहर नहीं जाते। पंडित राजकुमार तिवारी ने कहा कि भारतीय लोक संस्कृति में इस पर्व का बड़ा महत्व है। विदेशी संस्कृति में कई पर्व लोप होते जा रहे हैं। भारतीय संस्कृति के त्योहारों को सभी को मिलकर मनाना चाहिए। इससे प्रेम का संचार होता है।
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