माफिया दे रहे सरकार और एनजीटी के नियमो को चुनौती

जिम्मेदार प्रशासन माफियाओं के आगे बेबस

माफिया दे रहे सरकार और एनजीटी के नियमो को चुनौती

सरीला हमीरपुर। सरकार भले ही माफियाओं के खिलाफ समय समय पर कमरतोड़ कार्यवाही करके अपनी प्रशासनिक छवि बेहतर बनाने को संकल्पित हो लेकिन हमीरपुर जिले के सरीला तहसील अंतर्गत आने वाले रीरुआ बसरिया मौरंग खनन पट्टा संख्या 22/2 और 22/7 के कारोबारी सरकार और एनजीटी के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है  ताजा मामला सरीला तहसील के रीरूवा बसरिया खंड संख्या 22/2 और 22/7 का है जहां पर कारोबारी नदी पर अवैध पुल बनाकर भारी भरकम प्रतिबंधित मशीनों का उपयोग कर सरकारी नियमो को खुली चुनौती दे रहे है। सरीला तहसील के अंतर्गत आने वाले बेतवा नदी के किनारे संचालित मौरंग खदान रिरुआ बसरिया खंड संख्या 22/2 और 22/7 में एनजीटी के आदेशों का खुलकर उल्लंघन हो रहा है यहां प्रतिबंधित भारी भरकम मशीनों से बेतवा नदी में मानक से कई गुना अधिक गहराई में जाकर मौरंग का खनन किए जाने से बेतवा नदी की जलधारा भी अब टूटने लगी है।

इतना ही नहीं मोरग खदान से निर्धारित क्षमता से कई गुना मौरंग ट्रकों व डंफरों में लोड की जा रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर सड़के भी दुर्दशा को प्राप्त हो चुकी है मौरंग के अवैध खनन और परिवहन के खेल में माफियाओं के गुर्गे कवरेज करने को पहुंचे मीडिया कर्मियों से भी अभद्रता करने से बाज नहीं आते समय-समय पर स्थानीय प्रशासन तमाम प्रतिबंधित मशीन जप्त कर व ओवरलोड ट्रैकों का चालान कर अपनी कार्रवाई को अंजाम देता रहता है लेकिन इन सब के बावजूद भी मौरंग माफियातंत्र हावी होकर सरेआम एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगा हैं।

तमाम पोकलैंड मशीन मोरम खनन के चक्कर में बेतवा नदी को छलनी करने में जुटी है खदान जाने वाले रास्ते में बाहर से आने वाले अधिकारियों पर नजर रखने के लिए मौरंग कारोबारी के गुर्गे जगह-जगह मुस्तैद रहते हैं जैसे ही कोई टीम खदान की जांच करने जाती है तो उससे पहले ही लोकेशन खदान पट्टा धारक को मिल जाती है रिरूआ बसरिया खंड संख्या 22/2  और 22/7में अवैध पुल बनाकर प्रतिबंधित मशीनों का उपयोग कर खनन माफिया नदी की जलधारा को रोककर नियम विरुद्ध कार्य करके सरकारी आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं ।

चंडौत ग्राम निवासी समाजसेवी मूलचंद निषाद बताते है कि रिरुवा बसरिया खंड संख्या 22/2 और 22/7के संचालक द्वारा मानक से अधिक और खनिज पट्टे की सीमा से भी दूर जाकर प्रतिबंधित मसीनो से अवैध खनन करवाया जा रहा है बिना नंबर प्लेट लगे  ओवरलोड ट्रेको में मौरम भरकर एक ओर जहां सरकारी राजस्व का नुकसान किया  जा  रहा है वही दूसरी ओर सड़को की  दुर्गति भी हो गई है जिम्मेदारों को ध्यान  देकर इन अवैध खनन करने वाले संचालकों और उनके  गुर्गों पर कार्यवाही करनी चाहिए जिससे बेतवा नदी की जलधारा प्रभावित न हो।

Tags: Hamirpur

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News