जीवन में असफलताओं से निराश न होकर सफलताओं के लिए प्रयास करें:डॉ रजत अग्रवाल
रुड़की (देशराज पाल)। आनन्द स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर में 12वीं के छात्र-छात्राओं के सम्मान में आशिर्वाद समारोह यानि फेयरवेल शुभकामना कार्यक्रम का आयोजन माधव भवन के प्रांगण में किया गया। शुभारम्भ विद्यालय के पूर्व छात्र डाॅ0 शिवम सिंधल एवं नमन गर्ग सीए तथा विद्यालय प्रबन्धक डाॅ0 रजत अग्रवाल, प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया गया।आचार्या भावना त्यागी द्वारा उपस्थित अतिथियों का परिचय कराया गया।
सोमवार को सीनियर छात्र-छात्राओं के सम्मान एवं विदाई के अवसर पर कक्षा 11वीं के छात्र-छात्राओं ने मनोरंजक खेल प्रतियोगिताओं एवं सास्ंकृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से सीनियर छात्र-छात्राओं को शुभकामनाये एवं उपहार प्रदान कियें। वही 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय से जुडे अपने संस्मरणों को भी मंच से साझा किया गया। विद्यालय के उपप्रधानाचार्य मोहन सिंह मटियानी ने छात्र-छात्राओं को अग्रिम शुभकामनायें देते हुए विद्यालय के सर्वश्रेष्ठ सम्मान आदर्श बालक/बालिका की घोषणा की। सत्र 2023-24 का विद्यालय आदर्श बालक सम्मान मयंक सिंह राजपूत एवं आदर्श बालिका सम्मान वंशिका राय को प्रदान किया गया। विद्यालय के पूर्व छात्र डाॅ शिवम सिंधल एवं नमन गर्ग ने शुभकामनायें देते हुए कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नही होता। विद्या मन्दिर अन्य विद्यालयों से इसलिए अलग है क्योंकि यहाँ शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी प्रदान किये जाते है। जीवन की सफलता का मूूल मंत्र है परिश्रम, उत्साह और दृढ विश्वास। बिना संघर्ष और परिश्रम के लक्ष्य को प्राप्त नही किया जा सकता है।इस लिए योजना बनाकर परिश्रम का प्रण लेकर चुनौतियो का सामना करना सीखना होगा।जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए समय प्रबंधन, खुद पर विश्वास, सकरात्मक सोच, अनुशासन और योजना निर्माण अत्यंत आवश्यक है। उन्होने विद्यार्थियों को अच्छी पुस्तकें पढने का भी सुझाव दिया। ं
विद्यालय प्रबन्धक डाॅ0 रजत अग्रवाल ने कहा कि जीवन में असफलताओं से निराश न होकर सफलताओं के लिए प्रयास पूरे मन से किया जाना चाहिए।प्रधनाचार्य अमरदीप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए छात्रों को देश समाज की सेवा करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि विद्यालय का सदैव ये प्रयास रहता है कि किस प्रकार भारतीय महापुरुषों, विद्वानों के कार्यो और जीवन व्यवहार से प्रेरणा लेकर छात्र छात्राओं को लाभान्वित कर सदकार्यो के लिये प्रेरित किया जा सकता है। संचालन अशुल त्यागी, सक्षम राणा, वंशिका, दिव्यांशी, स्नेहा, वैष्णवी द्वारा संयुक्त रुप से किया गया।सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में जिया, कर्मण्या, अल्पिका, भविष्य, आयूष, कार्तिक, वंशित, सक्षम, वासू, आरव, कुणाल प्रमुख रहे। इस अवसर पर विद्यालय प्रभारी जसवीर सिंह पुण्डीर, आशुतोष शर्मा, शमा अग्रवाल, सहित सभी शिक्षक व शिक्षिकायें उपस्थित रहे।
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