मंडलायुक्त ने गो संरक्षण एवं गो आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी,दिया चेतावनी
बस्ती - गो संरक्षण एवं गो आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं पर मंडलायुक्त अखिलेश सिंह ने असंतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को चेतावनी दिया है कि अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहे। सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि पिछले 6-6 माह से केयरटेकर के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है, सुपुर्दगी में दिये गये पशुओ के भरण-पोषण के लिए 50 रूपये प्रतिदिन की धनराशि महीनों से नही दी गयी है, गो आश्रय स्थलों पर रजिस्टर मेनटेन नहीं किया जा रहा है, अभियान के अंतर्गत पशुओं की पकड़ने की गति अत्यंत धीमी है। उन्होंने कहा कि शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने तीनों जिलों के सीडीओ को निर्देशित किया है कि प्रत्येक माह समीक्षा बैठक आयोजित करके व्यवस्था सुधारें। उन्होंने कहा कि सभी गो आश्रय स्थलों में स्टॉक रजिस्टर तथा पशुओं का रिकॉर्ड वाला रजिस्टर अवश्य रखा जाए। पशु चिकित्सा अधिकारी सप्ताह में दो बार विजिट करते समय इस रजिस्टर पर अपनी टिप्पणी अंकित करेंगे। रजिस्टर पूरा हो जाने पर उसे मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सुरक्षित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि गो आश्रय स्थलों में बार-बार निर्देश के बाद भी रजिस्टर मेनटेन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि प्राकृतिक या दुर्घटना में मृतक पशुओं का विवरण भी रजिस्टर में दर्ज किया जाए। समय से पोर्टल पर विवरण भी दर्ज किया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोताही ना की जाए । उन्होंने कहा कि एक रजिस्टर ग्राम पंचायत सचिव कार्यालय में भी रखा जाएगा ताकि निरीक्षण के दौरान अधिकारी उसे देख सकें। उन्होंने निर्देश दिया कि गो संरक्षण अभियान के संबंध में प्रत्येक माह रिपोर्ट जिलाधिकारी को भी भेजी जाए, गो संरक्षण अभियान के अंतर्गत बस्ती में 2500 लक्ष्य के सापेक्ष 888, संत कबीर नगर में 1500 के सापेक्ष 202 तथा सिद्धार्थनगर में 2000 के सापेक्ष 698 पशु संरक्षित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर को शासन के नोडल अधिकारी द्वारा अभियान की समीक्षा की जाएगी। इसके पूर्व अवशेष पशुओं को संरक्षित कर सूचना उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि सभी गो आश्रय स्थलों में रात में केयरटेकर के रुकने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। रात में रुकने वाले केयरटेकर को रू0 10000 मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देशित किया है कि सभी थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र के गो आश्रय स्थलों की सूची रखें तथा रात्रि गश्त के समय एक बार अवश्य यहां जाएं। उन्होंने सभी स्थलों पर विद्युत कनेक्शन करने तथा रनिंग वाटर उपलब्ध कराने के लिए बोरिंग करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि दुधारू पशु आईसीडीएस विभाग से समन्वय करके अति कुपोषित बच्चों के परिवार को दिया जाए। इसके साथ ही उन्हें रू0 1500 प्रतिमाह पशुओं के चारा एवं भूसा के लिए दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया है कि तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी तथा ब्लॉक में बीडीओ नोडल अधिकारी है, जो नियमित रूप से गो आश्रय स्थलों का भ्रमण करके व्यवस्था संबंधी सुधार सुनिश्चित कराएंगे। बैठक का संचालन अपर निदेशक पशुपालन डा. एमपी सिंह ने किया। बैठक में सीडीओ जयदेव सीएस, संत कुमार, जेडीसी पीके शुक्ला, पुलिस क्षेत्राधिकार सदर विनय सिंह चौहान, डिप्टी कलेक्टर/प्रभारी ईओ सत्येंद्र सिंह, जिलों के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला विकास अधिकारी तथा जिला पंचायत राज अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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