वसई में निराश्रित लोगों के लिए ''अपना घर आश्रम'' का शुभारंभ
बालयोगी श्री सदानन्द महाराज ने किया उद्घाटन
मुंबई। धर्मार्थ संस्था ''अपना घर आश्रम'' ने समाज के बेसहारा, निराश्रित, वंचित लोगों के लिए मुंबई के पास वसई में एक नया आश्रम स्थापित किया है, इसका उद्घाटन बालयोगी श्री सदानन्द महाराज के हाथों किया गया। यहां 300 से अधिक निराश्रित लोगों को आश्रय मिल सकेगा। वसई में कामन-भिवंडी रोड के चिंचोटी नाका के पास लगभग 3,663 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने इस नए ''अपना घर आश्रम'' का रखरखाव मुंबई का राम गणेश चैरिटेबल ट्रस्ट करेगा।
अपना घर आश्रम संस्था के अध्यक्ष एवं ट्रस्टी स्वदेश शेखावत ने कहा कि संकट के समय जरूरतमंदों को सही मदद मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए हम अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं। शेखावत ने बताया कि पूरे भारत में अपना घर आश्रम संस्था के 1,000 से अधिक कर्मचारी और 2,000 से अधिक स्वयंसेवक जरूरतमंदों तथा रोगियों की देखभाल के लिए काम कर रहे हैं। अत्यंत गंभीर चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए स्थानीय अस्पतालों के सहयोग से रोगियों का उपचार किया जाता है। हालांकि हर आश्रम में महत्वपूर्ण चिकित्सा सुविधाएं, पेशेवर विशेषज्ञ भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अपना घर आश्रम के भारत और नेपाल में 60 आवासीय आश्रम हैं, जो 12,000 से अधिक मानसिक रूप से बीमार, विकलांग और निराश्रित व्यक्तियों को आश्रय देते हैं। जाति, धर्म या संप्रदाय के किसी भी भेदभाव के बिना यह संस्था जरूरतमंदों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। ''अपना घर आश्रम'' में रहने वालों को ''प्रभुजी'' कहा जाता है।
अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि देश का सबसे बड़ा अपना घर आश्रम राजस्थान के भरतपुर में है, जो 42 एकड़ में फैला हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि, अपना घर आश्रम अपनी श्रेणी में दुनिया का सबसे बड़ा आश्रय गृह है। इसमें प्रभुजी की सेवा के साथ ही इलाज की सभी सुविधाएं हैं। टीवी, एड्स, हेपेटाइटिस, मनोरोग, मंदबुद्धि, कार्डियक के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। जल्द ही और 6 नए आश्रम अन्य राज्यों में खुलने वाले हैं। आश्रम के शुभारंभ के मौके पर पालघर के सांसद राजेंद्र गावित सहित धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े गणामान्य लोगों के साथ आश्रम के ट्रस्टी, पदाधिकारी, सदस्य एवं स्थानीय लोग मौजूद थे।
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