झारखंड में अब चंपाई सोरेन सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट से बड़ा झटका
रांची। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आज दोपहर बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।राजभवन के दरबार हॉल में यहां आयोजित एक सादे समारोह में चंपई सोरेन ने झारखंड के 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।राज्यपाल ने इसके अलावा कांग्रेस के आलमगीर आलम को झारखंड के मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। साथ ही राज्यपाल ने राजद के सत्यानंद भोक्ता को भी झारखंड के मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री सोरेन के अलावा केवल दो विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल झामुमो गठबंधन दल में शामिल हैं। दोनों दलों के एक-एक विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।
राजभवन में इस अवसर पर राज्यसभा सांसद महुआ मांझी, झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाब अहमद मीर, पूर्व सांसद सरफराज अहमद,राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह समेत राज्य सरकार के वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मौजूद थे।मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने शपथ लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह राज्य के मूलवासी और आदिवासी के कल्याण के लिए कार्य करते रहेंगे।श्री सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री बने हैं। राज्य में रघुवर दास को छोड़कर कोई मुख्यमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। वैसे अलग-अलग अवधियों को जोड़कर सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अर्जुन मुंडा के नाम दर्ज है।वहीं दूसरी ओर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कथित जमीन घोटाला मामले में ईडी ने उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। हेमंत सोरेन को ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
ईडी ने एमपीएमएलए कोर्ट उनकी 10 दिन की रिमांड मांगी थी। बता दें कि हेमंत सोरेन को ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इससे पहले वह राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।गिरफ्तारी के बाद सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 2 फरवरी का समय दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उनसे सवाल किया कि आप इस मामले को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए हैं। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेने की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा है। इसलिए सीधे सुप्रीम कोर्ट आए हैं। कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि नियम सभी के लिए बराबर हैं। अगर एक के लिए ऐसा करेंगे तो सभी के लिए करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है।
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