योग स्वयं को निखारने की उत्तम विधि
By Harshit
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लखनऊ। बीबीएयू के योग विभाग और योग वेलनेस सेंटर की ओर से शिक्षा सशक्तिकरण व ध्यान-एक समावेशी विश्व के लिए योग विषय पर दो दिवसीय वेबिनार हुआ। योग महाकुंभ के तहत हुए वेबिनार में शिक्षा की महत्ता और ध्यान पर चर्चा हुई। कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने कहा कि योग स्वयं को निखारने की उत्तम विधि है। हमारे भीतर अनंत क्षमताएं हैं लेकिन हमें उनका आभास ही नहीं है। योग के जरिए उन संभावनाओं को उभारा जा सकता है।
मुख्य अतिथि व देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के योग संकायाध्यक्ष प्रो. सुरेश लाल वर्णवाल ने कहा कि सा विद्या या विमुक्तये से प्रेरणा लेकर हमें विद्या की ओर बढ़ना चाहिए। शिक्षा हमें साक्षर बनाती है, लेकिन विद्या हमें जीवन में उचित-अनुचित का ज्ञान देती है।
मुख्य वक्ता व उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय योग विभाग के डॉ. कामाख्या कुमार ने सर्वे भवन्तु सुखिन: को समावेशिता का सटीक उदाहरण बताया। योग प्राकृतिक चिकित्सा और संज्ञानात्मक विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. बीसी यादव ने बताया कि ध्यान हमारी प्रज्ञा को जगाने का साधन है। बीबीएयू योग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपेश्वर सिंह ने कहा कि युवाओं का लक्ष्य होना चाहिए कि योग के जरिए आत्म बल, ध्यान बल और शारीरिक बल प्राप्त कर विश्व शांति की दिशा में कार्य करें।
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