शव की आंख निकालने वाले मामले में जिम्मेदारों पर गिरी गाज
अब तक दो महीने में दो,मुख्य चिकित्साधिकारी हुए निलंबित
- डिप्टी सीएम की लगातार चिकित्साधिकारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक जारी
- बदांयू और सिद्धार्थ नगर सीएमओ हो चुके क्रमश: निलंबित
चन्द्र प्रकाश सिंह
लखनऊ। प्रदेश की चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की लगातार कार्रवाई जारी है। जिसमें अब तक कि दो महीने में दो मुख्य चिकित्साधिकारियों पर गाज गिर चुकी है। बता दें कि अभी एक हफ्ते के भीतर सिद्धार्थ नगर मुख्य चिकित्साधिकारी को निलंबन आदेश जारी किया था। वहीं इसके पहले बदांयू सीएमओ को निलंबित किया जा चुका है। अभी मामले की आग ठंडी भी नहीं हुई और बदायूंं में पोस्टमार्टम में महिला शव की आंख निकालने के मामले में दो और डॉक्टरों पर गाज गिर गयी।
बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर अपर निदेशक चिकित्सा-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बरेली से संबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दोनों डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी है। ज्ञात हो कि मामला बीते 10 दिसंबर को बदायूं के थाना अलापुर के कुतरई गांव की रहने वाली पूजा के परिजनों ने ससुराल वालों पर दहेज की मांग के चलते हत्या का आरोप लगाया था। जिसमें पिता गंगाचरण ने मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। जिसे सीएमओ ने दो चिकित्सकों डॉ. मोहम्मद उबेश एवं डॉ. मोहम्मद आरिफ हुसैन की संयुक्त कमेटी गठित की थी।
उन्होंने शव का पोस्टमार्टम किया और आरोप है कि पोस्टमार्टम में सतर्कता नहीं बरती गयी। पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों ने लाश का बैग खोला तो पूजा की दोनो आंखें गायब थीं। इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तत्काल प्रभाव से दोनों डॉक्टरों को निलंबित करते हुए अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से सम्बद्ध कर दिया था। साथ ही दोनों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी किये जाने के आदेश दिये थे। इसी मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रदीप वाष्णेय को पहले ही निलंबित कर स्वास्थ्य महानिदेशालय में सम्बद्ध किया जा चुका है। इसके अलावा ड्यूटी के दौरान सहकर्मियों से अभद्र भाषा का प्रयोग कर धमकी देना महोबा के खरेला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर को भारी पड़ा।
शिकायत मिलते ही डिप्टी सीएम ने आरोपी डॉ. राजेश कुमार वर्मा के खिलाफ अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति दे दी है। जिसमें डॉ. राजेश पर जैतपुर सीएचसी में तैनाती के दौरान कई असंवैधानिक कृत्यों में संलिप्त रहने के आरोप लगे हैं। साथ ही सहकर्मी के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए फोन पर दुर्व्यवहार किया एवं धमकी देने का भी आरोप है। पीड़ित कार्मिक द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद जांच में आरोप सत्य पाये गए। डिप्टी सीएम ने डॉ. वर्मा के विरुद्ध अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति जारी कर दी है।
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