फरीदाबाद : ग्रेटर नोएडा से जोडऩे वाला मंझावली पुल अधूरा, भूमि अधिग्रहण बना बाधा

फरीदाबाद : ग्रेटर नोएडा से जोडऩे वाला मंझावली पुल अधूरा, भूमि अधिग्रहण बना बाधा

फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी को ग्रेटर नोएडा से जोडऩे के लिए मंझावली में यमुना नदी पर पुल बनाया गया है। मंझावली की ओर और यमुना नदी के उस पार करीब एक किलोमीटर का एप्रोच रोड भी बनाया गया है, लेकिन ग्रेटर नोएडा के गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण न होने के कारण यह संपर्क मार्ग अधूरा है। यानी दोनों शहरों के लोगों को फिलहाल पुल का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। वाहन चालक पुल पार तो करते हैं, लेकिन आगे कच्चा और रेतीला रास्ता होने के कारण अधिकतर वापस आ रहे हैं। सच्चाई यह है कि इस संपर्क मार्ग को पूरा होने में पूरा एक साल लग जाएगा। जनप्रतिनिधि बार-बार पुल पर यातायात सुचारू होने का दावा करते रहे, लेकिन अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण आज भी हजारों वाहन चालक बेहतर संपर्क मार्ग के लिए तरस रहे हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर के प्रयासों से पुल का निर्माण हुआ है। मंत्री राजेश नागर ने पुल निर्माण कार्य का आधा दर्जन बार निरीक्षण भी किया। उन्होंने अधिकारियों को खूब फटकार लगाई और कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश के मुख्य सचिव ने भी इस पुल का काम तेजी से पूरा करने के आदेश दिए हैं। मंझावली पुल पार करते ही हरियाणा के पास करीब एक किलोमीटर तक जमीन है। इस जमीन पर पुल का टू-लेन एप्रोच रोड बना हुआ है। इससे आगे ग्रेटर नोएडा के जगनपुर, अट्टा गुजरान, अफजलपुर, मुरसादपुर गांव हैं। पुल को जोडऩे वाली सडक़ बनाने के लिए अट्टा गुजरान और जगनपुर गांवों की 6.88 एकड़ जमीन की जरूरत है। इस पर 1700 मीटर लंबी सडक़ बनेगी जो यमुना एक्सप्रेसवे के लिंक रोड से जुड़ेगी। इस जमीन को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार की ओर से मुआवजे की पहली किस्त जारी कर दी गई है। किसानों से जमीन लेकर उसकी रजिस्ट्री कराने का काम चल रहा है। लेकिन सभी किसानों की मुआवजा राशि नहीं आई है। इसलिए सरकार यहां सडक़ बनाने का काम शुरू नहीं कर पा रही है। वैसे भी सडक़ बनने में छह से सात महीने का समय लगेगा। जिस जमीन पर सडक़ बनेगी, पहले वहां काफी मिट्टी डालकर उसे ऊंचा करना होगा। 2014 में इस पुल के निर्माण का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने किया था। 2018 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। करीब 122 करोड़ रुपये की लागत से 630 मीटर लंबा फोर लेन पुल बनाया गया है। दोनों तरफ अप्रोच रोड बनाई गई हैं। पुल की कनेक्टिविटी के लिए कुल 24 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट पर काम पूरा हो चुका है। पुल का निर्माण शुरू होने के बाद पहली डेडलाइन दिसंबर 2019 तय की गई थी। इसके बाद मार्च 2020, जून 2020, जून 2021, दिसंबर 2021, मार्च 2022, दिसंबर 2022 डेडलाइन तय की गई। मार्च 2023 और नवंबर-दिसंबर 2023, मार्च 2024 की डेडलाइन तय की गई थी। लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता वीरेंद्र चंदीला के अनुसार पुल परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में काफी देरी हुई। इसके अलावा कोरोना के कारण दो साल तक काम रुका रहा। दो-तीन साल ऐसे भी रहे जब यमुना नदी में कई महीनों तक पानी बहुत ज्यादा रहा। इस कारण काम पूरा होने में देरी हुई।

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