ये अलग बात कि फूलों से लदे रहते हैं , फिर भी जो लोग गधे हैं वो गधे रहते है
प्रतापगढ़। शहर के तिलक इंटर कालेज में आयोजित शाम-ए-अदब के तीसरे आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन में नगमों का पूरी रात रस बरसा। लोग वाह-वाह करते रहे।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि जमुना प्रसाद उपाध्याय ने अलग ही छाप छोड़ी... नदी के घाट पर भी यदि सियासी लोग बस जाएं, तो प्यासे ओंठ एक-एक बूंद पानी को तरस जाएं। संचालन कर रहे नसीम साज ने कई नगमे सुनाए। उद्घााटन अतिथि कवयित्री प्रतिभा पांडेय ने अपनी इस रचना से संदेश दिया...लिखे जो राष्ट्र का चिंतन सृजन में शौर्य की गाथा, मैं ऐसी हूं कमलकारा,जो सच्ची बात करती हूं। नाते पाक-फैसल मेरठी व उसके बाद सरस्वती वंदना मीरा तिवारी ने सुनाई। इसके बाद शामली से आए नवाजिश नजर ने जमकर वाहवाही लूटी...तुझसे मिलने का तो अरमान बहुत होता है, हां मगर वक्त का नुकसान बहुत होता है। हास्य के चर्चित कवि मुजावर मालेगांवी ने कहा...ये अलग बात की फूलों से लदे रहते हैं, फिर भी जो लोग गधे हैं वो गधे रहते हैं।
मकदूम फूलपुरी ने पढ़ा....किसानों के ही बेटे सरदहों पर जान देते हैं, बड़े लोग अपने बेटों को कहां फौजी बनाते हैं। शारिक फूलपुरी ने कहा...नौकरी की चाहत में कितनी मुश्किलें झेलीं। ये तो नौजवानों की डिग्रियां समझती हैं। मीरा तिवारी ने सुनाया...बड़ा बनना है तो अपना बड़ा किरदार कर लेना, गमों में गैर के खुद को भी तो हकदार कर लेना। सूरत की शायरा इमराना अदीब ने सुनाया-उसने अपनी आंखों से जाम जो पिलाया है, अब तलक नशा उसका मेरे दिल पे छाया है। नाजो नाज की पंक्तियां यूं रहीं-आज अपनों को तन्हा छोड़कर चली आई। सारे वादे कसमों को तोड़कर चली आई। बिहारी लाल अंबर ने अपने अंदाज से हंसाया। परवाना प्रतापगढ़ी के मुक्तक जमे। राजमूर्ति सिंह सौरभ की गजल सराही गई। मुख्य अतिथि समाजसेवी अनिल प्रताप त्रिपाठी प्रवात ने कहा कि कवि-शायर देश को सही रास्ता दिखाते हैं। अति विशिष्ट अतिथि इं. चंद्रकांत त्रिपाठी शाश्वत ने गीत पढ़कर वाहवाही लूटी। कवि और पत्रकार राज नारायण शुक्ल राजन ने रचना सुनाई...आओ चैन-ओ-अमन की बात करें, आओ अपने वतन की बात करें...। अंत में समापन अतिथि शिक्षक राजेश कुमार मिश्र ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया। आयोजक शायर नियाज प्रतापगढ़ी और गीतकार संयोजक गजेंद्र सिंह विकट ने अतिथि फिल्म निर्माता बृजेश पांडेय समेत सबका स्वागत किया। कार्यक्रम में पत्रकार अखिल नारायण सिंह, संजय द्विवेदी समेत कवियों व शायरों को सममानित किया गया। इस मौक़े पर नान्हू भाई,एजाज़,नदीम,अनवर,टीपू,पप्पू,आदि मौजूद रहे ।
टिप्पणियां