लोकसभा 2024: लखनऊ के सबसे करीब होकर भी विकास से कोसों दूर!
राजधानी मुख्यालय से सटा हुआ है मोहनलालगंज सीट (सुरक्षित) का अधिकांश इलाका
By Harshit
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राहुल सिंह यादव
- मोहनलालगंज क्षेत्र में आती सभी पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा का है कब्जा
- जर्जर सड़कें, पेयजल संकट, आवारा पशु और पिछड़ेपन के मुद्दों से ऊपर नहीं उठ सका
लखनऊ ब्यूरो, मोहनलालगंज। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी अपने चरम पर है हर कोई अपने अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच रहा है। कोई सरकार की उपलब्धियां गिना रहा है तो कोई सरकार की नाकामी बता रहा है। बीजेपी व सपा के उम्मीदवार अलग-अलग तरीके से जनता को रिझाने में लगे हुए हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सपा ने पूर्व मंत्री आरके चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है और बीजेपी ने लगातार तीसरी बार कौशल किशोर पर ही चुनावी दांव खेला है। मोहनलालगंज लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की पांच सीटें आती हैं और सभी पर मौजूदा हाल में भाजपा का कब्जा है। मोहनलालगंज से विधायक अमरेश रावत हैं जोकि सांसद कौशल किशोर के रिश्तेदार हैं।
सरोजनी नगर से राजेश्वर सिंह हैं, मलिहाबाद विस सीट से स्वयं कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी हैं, बीकेटी से योगेश शुक्ला हैं और सिधौली सीतापुर से मनीष विधायक हैं। वहीं मोहनलालगंज विधानसभा सरोजनी नगर विधानसभा सीटों की नब्ज टटोलने के लिए दैनिक तरुण मित्र की टीम ग्रामीणों की चौपाल में पहुंच आम चर्चा की जिसमें मुख्य विषय था...अबकी बार कौन जीतेगा, कौन हारेगा और और हारने का कारण क्या होगा। इन्हीं चर्चाओं के बीच मौजूदा सरकार और पिछली सरकारों के कामकाज पर भी लोगों ने बेबाकी के साथ अपनी बात रखी।
शुरूआत सबसे पहले मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र के नगराम, गोसाईगंज, गंगागंज, अमेठी, निगोहा खुजौली व सरोजनी नगर क्षेत्र के गढ़ी मवैया, चंद्रावल नूर नगर भादरसा में सबसे ज्यादा चुनावी मुद्दा गरम रहा। यहां के लोगों की सबसे बड़ी समस्या जर्जर मार्ग, पेयजल संकट, आवारा घूम रहे पशु, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर नाराजगी है। वहीं चौपाल में सबसे अहम मुद्दा खस्ताहाल रास्ते, पानी निकासी, फसल सिंचाई के साधन न होना, आवारा पशुओं द्वारा फसल चट कर जाना और रसोई गैस डीजल-पेट्रोल के बढ़े दामों जैसे मुद्दों पर ग्रामीणों के बीच गरमा गरम बहस हुई। वहीं कई क्षेत्र वासियों का यह भी कहना रहा कि इतना जरूर है कि योगी राज में बहन-बेटियां सुरक्षित हैं, गुंडागर्दी न के बराबर है और गरीब तबके के लोगों को सरकार द्वारा मुफ्त में राशन दिया जा रहा है और किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को पैसा मिल रहा है। बहरहाल, इस चुनावी चर्चा में विभिन्न वर्ग के सभी लोगों का कहना रहा कि सांसद उसी को चुनेंगे जो इन रोजमर्रा समस्याओं से छुटकारा दिला सके।
नेता को नहीं, पार्टी को देंगे वोट...!
दैनिक तरुण मित्र की टीम जब ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची तो ग्रामीणों में वर्तमान में सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर के प्रति काफी नाराजगी दिखी। लेकिन जब यह पूछा गया कि किस प्रत्याशी को लोकसभा भेजेंगे तो जवाब में बताया कि वोट बीजेपी को ही देंगे वजह पूछा गया तो बताया कि मोदी जी सरकार में मुक्त का राशन मिल रहा है किसान सम्मन निधि के तहत हर किसान को पैसा मिल रहा है साथ में यह भी कहा कि महंगाई बेरोजगारी जैसे कई मुद्दे तो हैं इस पर सरकार को सोचना चाहिये।
गठबंधन प्रत्याशी चौधरी को मिल सकता है फायदा...!
गठबंधन प्रत्याशी चौधरी को मिल सकता है फायदा...!
मोहनलालगंज सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र वासियों के समीकरण थोड़े बदले हुए हैं इसका फायदा विपक्षी गठबंधन पूर्व मंत्री आरके चौधरी को मिल सकता है। इस सीट के समीकरण 1962 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुए और 1984 तक कांग्रेस का सीट पर दबदबा कायम रहा। 1997 भारतीय लोक दल को यहां जीत मिली 1991 और 1996 में बीजेपी के उम्मीदवार जीते लेकिन इसके बाद लगातार समाजवादी पार्टी ने चार बार सपा के उम्मीदवारों को जीत दिलाई। 2014 में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा जमा लिया और 2019 में भी बीजेपी के कौशल किशोर अपनी सीट बचाने में सफल रहे। जातीय समीकरण की बात करें तो इस क्षेत्र की कुल आबादी लगभग 2690769 है 76.19 फीसदी आबादी ग्रामीण है जबकि 23.81 फीसद आबादी शहर में रहती है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है यहां की सीट पर 35.14 फीसद मतदाता अनुसूचित जाति के हैं जबकि इस बार ठाकुर वर्ग भी कौशल किशोर से काफी हद तक नाराज है जिसका फायदा विपक्ष को मिलता दिख रहा।
लखनऊ का विकास रथ, मोहनलालगंज तक नहीं पहुंच पाता...!
मोहनलालगंज लोकसभा सीट राजधानी लखनऊ से सटी सबसे हॉट सीट मानी जाती है, क्योंकि यह माना जाता है कि एक तरह से यह ग्रामीण सीट, अपने शहरी सीट लखनऊ को राजनीतिक बैकअप देने का काम करता है जिसका असर अन्य आसपास के जनपदीय सीटों पर दिखता है। वहीं इस लोकसभा सीट के अंदर पांच विधायक आते हैं जो वर्तमान में सभी सदस्य भाजपा के ही हैं। मगर क्षेत्र के कई वरिष्ठजनों से बात की गई तो उनको यह बात हमेशा से ही खटकती रहती है कि राजधानी मुख्यालय क्षेत्र से सटे होने के बावजूद आखिर में मोहनलालगंज क्षेत्र विकास की पगडंडियों से क्यों काफी दूर कर दिया जाता है।
ऐसे में लखनऊ से निकला विकास का पहिया, मोहनलालगंज क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों तक क्यों नहीं पहुंच पाता, उसके साथ सौतेला व्यवहार क्यों जबकि मौजूदा हाल में खुद रक्षामंत्री लखनऊ की अगुवाई कर रहे हैं और उनके साथ उन्हीं की पार्टी से कौशल किशोर चुनाव जीतते आ रहे हैं। मोहनलालगंज क्षेत्र के प्रमोद रावत ने कहा कि आज भी हमारा यह क्षेत्र पिछड़ा माना जाता है। जबकि मोहनलालगंज से चंद किलोमीटर की दूरी पर लखनऊ लोकसभा सीट अच्छी सड़कों, बेहतर पानी व्यवस्था, साफ-सफाई जैसे अन्य सभी सुविधाओं से लैस है। लेकिन मोहनलालगंज लोकसभा सीट की बात करें तो सरोजनी नगर मलिहाबाद बक्शी का तालाब मोहनलालगंज यह सभी क्षेत्र शहर से लगभग जुड़े हुए हैं बावजूद इसके विकास के नाम पर फुस्स है।
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