24 घंटे में 14 हत्या के बाद अब, 24 घंटे में 10 एनकाउंटर

24 घंटे में 14 हत्या के बाद अब, 24 घंटे में 10 एनकाउंटर

लखनऊ। यूपी पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ तगड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने 24 घंटे में ताबड़तोड़ 10 एनकाउंटर किए हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से हिस्ट्रीशीटरों में डर का माहौल है। अपराधियों को यूपी पुलिस में अपना काल दिखाई देने लगा है।

क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ पुलिस का ऑपरेशन एनकाउंटर जारी है। राज्य में क्राइम क्रंटोल के लिए यूपी पुलिस जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। यही वजह है कि पुलिस ताबड़तोड़ एनकाउंटर कर रही है। यूपी पुलिस ने प्रदेश में 24 घंटे में 10 शहरों में एनकाउंटर किया। इस मुठभेड़ में कई बड़े-बड़े बदमाश पकड़े गए। ये सभी ऐसे क्रिमिनल्स हैं, जिनकी पुलिस को लंबे समय से तलाश थी।

लखनऊ में जहां पुलिस ने रेप के आरोपी को मुठभेड़ के बाद अरेस्ट किया, वहीं गाजियाबाद में सिपाही की हत्या के आरोपी को गिरफ्तार किया। शामली में 25 हजार का इनामी बदमाश पकड़ा गया। वहीं झांसी में भी पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। बुलंदशहर, बागपत, आगरा, जालौन, बलिया और उन्नाव में भी एनकाउंटर के बाद पुलिस ने कई क्रिमनल्स को अरेस्ट किया है।

किसका-किसका हुआ एनकाउंटर?
लखनऊ: रेप के आरोपी का एनकाउंटर
गाजियाबाद: हत्या के आरोपी के पैर में लगी गोली
शामली: गौ तस्कर के साथ मुठभेड़ 
झांसी: इनामी बदमाश को लगी गोली
बुलंदशहर: रेप के आरोपी का एनकाउंटर                    
बागपत: लूट का आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा
बलिया: फरार अपराधी को लगी गोली
आगरा: चोरी के आरोपी का एनकाउंटर    
जालौन: डकैती के आरोपी के साथ मुठभेड़  
उन्नाव: हिस्ट्रीशीटर के साथ एनकाउंटर  

ऑपरेशन लंगड़ा क्या है?
ऑपरेशन लंगड़ा उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाया जा रहा एक अभियान है, जिसमें अपराधियों को गिरफ्तार करने और अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मुठभेड़ों के दौरान अपराधियों को पकड़ने की कोशिश करती है।

इस दौरान अगर अपराधी भागने या जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश करते हैं, तो पुलिस अक्सर उनके पैरों में गोली मारकर उन्हें लंगड़ा कर देती है, ताकि वे भविष्य में अपराध करने में असमर्थ हो जाएं। इस रणनीति को अनौपचारिक रूप से "ऑपरेशन लंगड़ा" कहा जाता है, क्योंकि इसका फोकस अपराधियों को शारीरिक रूप से अक्षम करने पर होता है, जिससे उनमें पुलिस का खौफ बना रहे।

इस ऑपरेशन के कारण कई हिस्ट्रीशीटर अपराध छोड़कर सामान्य जीवन जीने लगे हैं। यह रणनीति अपराध नियंत्रण में प्रभावी मानी जा रही है, लेकिन इसकी कार्यशैली और नैतिकता पर भी चर्चा होती रही है।

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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