पश्चिम बंगाल में मोदी ने ममता सरकार को घेरा
कहा- केंद्र सरकार की योजनाओं को राज्य में लागू नहीं होने दे रही
- मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी
- तृणमूल सरकार आदिवासी समुदायों के साथ कर रही सौतेला व्यवहार
अलीपुरद्वार (पश्चिम बंगाल)/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बंगाल की धरती से सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता अब राज्य सरकार के सिस्टम पर भरोसा नहीं कर पा रही है और उसे न्याय की उम्मीद सिर्फ कोर्ट से है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य हिंसा, अराजकता, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह में फंसा हुआ है। ऐसे में राज्य की जनता कह रही है कि बंगाल में मची चीख-पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार। पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा। हमारी सेना ने आतंकियों को सिंदूर की शक्ति का अहसास करा दिया है। पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि अब भारत घर में घुसकर मारता है। उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उसकी सेना की विशेषज्ञता केवल आतंक और नरसंहार में है। उन्होंने 1971 में बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने मुर्शिदाबाद और मालदा में हुई हिंसक घटनाओं के लिए तृणमूल सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ये घटनायें तृणमूल सरकार की निर्ममता का खुला प्रमाण हैं। राज्य में माताएं-बहनें असुरक्षित हैं, युवाओं में घोर निराशा है और गरीबों का हक सत्ता की स्वार्थी राजनीति की भेंट चढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल को देश की प्रगति में महत्त्वपूर्ण भागीदार बताते हुए कहा कि भारत जब विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है, तब बंगाल की भागीदारी अनिवार्य है। उन्होंने बंगाल को मेक इन इंडिया और ज्ञान-विज्ञान का केंद्र बनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को बंगाल में लागू नहीं होने दे रही है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से जहां देशभर के बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा मिल रही है, वहीं बंगाल के बुजुर्ग इस सुविधा से वंचित हैं।
जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार बढ़ाने के लिए शुरू की गई पीएम जनमन योजना को भी तृणमूल सरकार ने राज्य में लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार आदिवासी समुदायों के साथ भी सौतेला व्यवहार कर रही है। प्रधानमंत्री ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती घोटाले ने हजारों परिवारों का भविष्य बर्बाद कर दिया है और अब भी राज्य सरकार अपनी गलती स्वीकार नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चाय बागान मजदूरों की पीएफ राशि तक डकारने की कोशिश की जा रही है।
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