बलरामपुर में युवाओं को पोल्ट्री फार्मिंग की दी गई ट्रेनिंग
बलरामपुरं। बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम धौली में बीते शाम जनजातीय युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से पोल्ट्री फॉर्मिंग का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से और आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन ने संचालित किया, जिसमें 50 लोगों ने हिस्सा लिया। लगभग 40 दिनों तक चले इस व्यावहारिक प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को मुर्गीपालन से जुड़ी सभी जरूरी तकनीकी जानकारियां दी गईं, जिनमें मुर्गियों की बीमारियां, टीकाकरण प्रक्रिया, आहार व्यवस्था, नस्ल चयन, ब्रूडिंग तकनीक, विपणन प्रबंधन और बिक्री आदि प्रमुख विषय शामिल थे।
प्रतिभागियों ने पूरे उत्साह और समर्पण के साथ प्रशिक्षण में भाग लिया। पूर्व में धौली गांव के लोग परंपरागत रूप से मुर्गी और बकरी पालन करते थे, लेकिन वैज्ञानिक जानकारी और प्रशिक्षण के अभाव में उन्हें नुकसान उठाना पड़ता था। अब इस प्रशिक्षण के बाद वे इस व्यवसाय को आधुनिक तरीके से अपनाने तैयार हैं।
प्रशिक्षण का प्रभाव अब गांव में दिखाई देने लगा है। ग्राम धौली के शिव कुमार नामक प्रतिभागी ने 500 देसी चूजों के साथ खुद का पोल्ट्री फॉर्म शुरू कर लिया है। वहीं अन्य 19 प्रतिभागियों ने अपने घरों में 50 से 100 मुर्गियों के साथ व्यवसाय की शुरुआत की है।
यह बदलाव गांव में स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की एक नई लहर के रूप में देखा जा रहा है। प्रशिक्षण समाप्ति के बाद प्रतिभागियों को सरकारी पोल्ट्री फॉर्म, सकलो-अंबिकापुर का शैक्षणिक भ्रमण भी कराया, जहां उन्होंने उन्नत तकनीकों को देखा और सीखा। डॉ. नंदलाल यादव द्वारा दिए गए मार्गदर्शन से प्रतिभागियों को और अधिक प्रेरणा मिली।
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