“विकसित कृषि संकल्प अभियान योजना” के अंतर्गत कृषि जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
बस्ती - उत्तर प्रदेश शासन व कृषि निदेशालय एवं कृषि मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन में जनपद के विकास खण्ड रुधौली के ग्रामसभा बखरिया में “विकसित कृषि संकल्प अभियान योजना” के अंतर्गत एक विशेष कृषि जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को कृषि से संबंधित नवीनतम तकनीकों, योजनाओं एवं प्राकृतिक खेती की पद्धतियों से अवगत कराना है। कार्यक्रम के निरीक्षण एवं मार्गदर्शन हेतु शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी टी.एम. त्रिपाठी, अपर निदेशक कृषि (कृषि रक्षा), उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ तथा जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी अशोक गौतम, उप कृषि निदेशक, ने ग्रामसभा का भ्रमण किया। दोनों अधिकारियों ने खेतों और किसानों से सीधा संवाद स्थापित कर शासन द्वारा संचालित विभिन्न कृषि योजनाओं की जानकारी दी एवं उनके लाभों पर चर्चा की।
इस अवसर पर जिला कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा ने कृषि रक्षा रसायनों पर मिलने वाले अनुदानों, उनके वैज्ञानिक उपयोग एवं किसानों को समय पर उपलब्ध कराए जा रहे संसाधनों की जानकारी साझा की। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग संतुलित मात्रा में करें एवं जैविक विकल्पों को प्राथमिकता दें। कृषि विज्ञान केंद्र, बंजरिया बस्ती के वैज्ञानिक डॉ. हरिओम मिश्रा ने धान की उन्नत प्रजातियों, नर्सरी की वैज्ञानिक तैयारी, बीजोपचार की विधियाँ एवं रोगों से बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों को यह भी बताया कि समय पर सही विधि से नर्सरी की स्थापना फसल की गुणवत्ता एवं उत्पादन दोनों को प्रभावित करती है वहीं, केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक राघवेंद्र विक्रम सिंह ने धान की सीधी बुवाई की तकनीक तथा प्राकृतिक खेती की विधियों पर उपयोगी प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग एवं देशी विधियों को अपनाना समय की मांग है।
पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. रितेश कुमार गुप्ता ने वर्तमान में पड़ रही अत्यधिक गर्मी को देखते हुए दुधारू पशुओं की देखभाल, गर्मी से बचाव एवं नियमित टीकाकरण की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पशु स्वास्थ्य सीधे किसान की आय से जुड़ा हुआ है, इसलिए समय पर देखभाल एवं टीका कार्यक्रम आवश्यक है। उद्यान विभाग के निरीक्षक द्वारा विभाग की प्रमुख योजनाओं जैसे फलदार पौधों के वितरण, बागवानी विकास कार्यक्रम एवं पोषण वाटिका की स्थापना संबंधी जानकारियाँ प्रदान की गईं। किसानों को यह बताया गया कि कैसे वे अपनी खेती में उद्यानिकी को शामिल कर आय का विविधीकरण कर सकते हैं। मत्स्य विभाग से आए सहायक निदेशक (मत्स्य) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप वर्मा ने जनपद में चल रही मत्स्य पालन से संबंधित योजनाओं, अनुदान सहायता एवं मत्स्य पालन को एक लाभकारी उद्यम के रूप में अपनाने की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एकीकृत कृषि प्रणाली में मत्स्य पालन का समावेश किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ा सकता है।
इस कार्यक्रम में सहायक विकास अधिकारी (कृषि) प्रेम नारायण मिश्रा, गौरव मिश्राबी टी एम, एटीएम, पंचायत सहायक, ग्राम प्रधान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में किसानगण उपस्थित रहे। किसानों ने विभागीय अधिकारियों से सीधा संवाद कर योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त की और कई जिज्ञासाओं का समाधान भी पाया। कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों ने “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के उद्देश्यों, सरकार की मंशा एवं भविष्य की योजनाओं को साझा किया। किसानों को प्राकृतिक, सतत एवं लाभकारी कृषि के प्रति प्रोत्साहित करते हुए यह संदेश दिया गया कि यदि वे वैज्ञानिक विधियों एवं शासन की योजनाओं का समुचित लाभ लें, तो कृषि एक लाभकारी एवं सम्मानजनक व्यवसाय के रूप में स्थापित हो सकता है।
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