जाति जनगणना कराने को सरकार तैयार

मूल जनगणना के साथ ही कराई जाएगी

जाति जनगणना कराने को सरकार तैयार

  • केंद्रीय  कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला
  • प्रत्येक 10 साल के अंतराल पर होती है जनगणना
  • पहली जनगणना 1872 और आखिरी 2011 में हुई थी
  • अब तक सभी जनगणनाओं में जातिगत आंकड़े शामिल नहीं किए गए
  • मेघालय और असम के बीच हाई-स्पीड कॉरिडोर को मंजूरी

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का अहम फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक विषयों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार इसे मंजूरी प्रदान की। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय सामाजिक संतुलन, पारदर्शिता और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए लिया है। हमारा मानना है कि इस कदम से समाज आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होगा।

वैष्णव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल जातिगत जनगणना को राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 246 की केन्द्रीय सूची की क्रम संख्या 69 के तहत जनगणना केंद्र का विषय है। फिर भी कई राज्यों ने जातिगत गणना कराई है। इनमें से कुछ ने पारदर्शिता बरती जबकि अन्य ने इसे राजनीति का माध्यम बना दिया, जिससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई।

मंत्री ने अपने बयान में कहा कि आजादी के बाद से अब तक सभी जनगणनाओं में जातिगत आंकड़े शामिल नहीं किए गए। कांग्रेस सरकारों ने बार-बार इस विचार का विरोध किया, जबकि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा में आश्वासन दिए जाने के बावजूद इसे केवल एक सर्वे के रूप में सीमित रखा गया। उस समय कैबिनेट में मंत्रिमंडलीय समूह का गठन किया गया था। समूह को कई दलों ने जातिगत गणना पर अपना समर्थन जाहिर किया था। फिर भी इसे जनगणना में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सरकार ने पहले भी सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया था। जनगणना 1951 से प्रत्येक 10 साल के अंतराल पर की जाती थी, लेकिन 2021 में कोरोना महामारी के कारण जनगणना टल गई थी।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को भी अपडेट करने का काम बाकी है। अभी तक जनगणना की नई तारीख का आधिकारिक तौर पर एलान भी नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, जनगणना के आंकड़े 2026 में जारी किए जाएंगे। इससे भविष्य में जनगणना का चक्र बदल जाएगा। जैसे 2025-2035 और फिर 2035 से 2045। जनगणना के आंकड़े सरकार के लिए नीति बनाने और उन पर अमल करने के साथ-साथ देश के संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए बेहद अहम होते हैं। इससे न सिर्फ जनसंख्या बल्कि जनसांख्यिकी, आर्थिक स्थिति कई अहम पहलुओं का पता चलता है।

विपक्षी कांग्रेस समेत तमाम सियासी पार्टियां जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं, ताकि देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की कुल संख्या का पता चल सके।  भारत में हर दस साल में जनगणना होती है। पहली जनगणना 1872 में हुई थी। 1947 में आजादी मिलने के बाद पहली जनगणना 1951 में हुई थी और आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी। आंकड़ों के मुताबिक, 2011 में भारत की कुल जनसंख्या 121 करोड़ थी, जबकि लिंगानुपात 940 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष और साक्षरता दर 74.04 फीसदी था।

केन्द्र सरकार ने मेघालय के मावलिंग्खुंग से असम के पंचग्राम तक 166.80 किमी लंबे ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर (एनएच-6) की मंजूरी दे दी है। परियोजना मेघालय में 144.80 किमी और असम में 22.00 किमी शामिल है। परियोजना की कुल पूंजी लागत 22,864 करोड़ रुपये आंकी गई है।परियोजना प्रमुख परिवहन मार्गों जैसे एनएच-27, एनएच-106, एनएच-206 और एनएच-37 के साथ एकीकृत होगी। इससे गुवाहाटी, शिलांग, सिलचर, डिएंगपासोह, उमलुंग, फ्रमर, ख्लियरियात, रताचेरा, उमकियांग और कलैन को निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उक्त फैसले को मंजूरी प्रदान की।

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में रीजेंसी पब्लिक स्कूल ने शिक्षा शिखर सम्मेलन का किया आयोजन वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में रीजेंसी पब्लिक स्कूल ने शिक्षा शिखर सम्मेलन का किया आयोजन
सीतापुर। जिले के रस्यौरा स्थित रीजेन्सी पब्लिक स्कूल एडोटोरियम में तीन दिवसीय वैश्विक शिक्षा शिखर सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का...
शादी की खुशियां जलकर राख, गैस सिलेंडर ब्लास्ट ने मचाया कोहराम
धूल भरी आंधी के साथ तेज बारिश का यूपी-हरियाणा के लिए यलो अलर्ट
तेज गेंदबाज संदीप शर्मा आईपीएल 2025 से बाहर
सूर्यकुमार यादव ने हासिल की आईपीएल 2025 में ऑरेंज कैप 
दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में भयानक आंधी-बारिश
नुकसानदायक साबित हो सकती है शरीर में हो गई है विटामिन बी12 की कमी