मोदी के 11 साल बुंदेलखंड के लिए सबसे अधिक भयावह -प्रदीप

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बोला केन्द्र पर हमला

मोदी के 11 साल बुंदेलखंड के लिए सबसे अधिक भयावह -प्रदीप

* झाँसी को इन 11 सालों में सिर्फ़ भ्रष्टाचार और निराशा मिली * आतियाँतालाब, लक्ष्मीतालाब, ट्रैफिक लाइट, मल्टीलेबल पार्किंग पर उठाए सवाल * बुंदेलखंड में बन रही बिजली से नदियाँ व खेत हुए बर्बाद, बुंदेलखंड अँधेरे में 

झाँसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल का कार्यकाल बुंदेलखंड के लिए सबसे भयावह रहा है। इन 11 सालों में जिस तरह बुंदेलखंड की अनदेखी की गई, बेतरतीब तरीके से बनाई गई योजनाओं के जरिये धन की अंधाधुंध लूट की गई, लोगों के जीवन स्तर और भविष्य से खेला गया, वैसा आजादी के बाद किसी सरकार में नहीं हुआ।

पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार और कांग्रेस नेता प्रदीप जैन आदित्य ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर देश व उप्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि लगभग हर लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झाँसी -ललितपुर की चुनावी जनसभाओं में वादे किये, खुद प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि उन वादों का क्या हुआ?
केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना डिफेन्स कॉरिडोर पर टिप्पणी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक की गई बड़ी बड़ी बातों के बावजूद बुंदेलखंड में स्थापित किये गए डिफेन्स कॉरिडोर में अब तक एक चिटपिटी भी नहीं बनी। इसी तरह का हाल बीडा का है। सरकार या प्रशासन यह तक बताने को तैयार नहीं कि जिन किसानों की ज़मीनें बीडा में ली गई हैं उन किसानों के भविष्य के लिए सरकार के पास क्या योजना है। ज़मीनें खोने के बाद उनके और उनके परिवारों को बीडा में क्या मिलेगा? केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि झाँसी महानगर की 90% योजनाओं का करोड़ों -अरबों रूपये खर्च होने के बाद भी कोई पुरसाहाल लेने वाला भी नहीं। लक्ष्मीतालाब, आंतिया तालाब, पानी की धर्मशाला, मल्टीलेबल पार्किंग नाले, ट्रैफिक लाइट्स हर चीज का बुरा हाल है। नगर निगम हो या जेडीए कोई यह बताने को तैयार नहीं कि इन योजनाओं के लिए आया अरबों रूपये प्रशासन खा गया या जनप्रतिनिधि। इसी तरह हवाई अड्डे का हाल हुआ, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा की बात होती रही लेकिन हवाई अड्डा दतिया में बन भी गया। बुंदेलखंड की छाती पर बन रही बिजली केवल बुंदेलखंड के खेतों और नदियों को प्रदूषित कर रही है, जबकि यहां बन रही बिजली से अन्य इलाके रोशन हो रहे हैं। जलजीवन मिशन में टोंटियां तक गायब है और सांसद टोंटियां लगाते घूम रहे हैं। उन्होंने पुनः दोहराया कि बुंदेलखंड को इन 11 सालों का हिसाब देने के लिए खुद प्रधानमंत्री को दो शब्द तो बोलना चाहिए।

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