
कोरोना महामारी : कोरोना ( corona) महामारी करीब तीन साल पहले शुरू हुई और आज भी इसका संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. हालांकि पिछले कुछ समय में संक्रमण में गिरावट जरूर आई है लेकिन अब भी इसके केसेस मिल रहे हैं. कोरोना वायरस से बचने का सबसे बड़ा उपाय वैक्सीन लगवाना है. लेकिन, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वैक्सीनेटेड लोग इस वायरस का शिकार नहीं होंगे. कोरोना को लेकर अभी भी हेल्थ एक्सपर्ट और वैज्ञानिक स्टडी कर रहे हैं. हाल ही में हुई एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने वैक्सीन की स्थिति के अनुसार कोरोना संक्रमण के लक्षण को उजागर किया है.
जिन लोगों को कोविड का सिर्फ एक बार टीका लगाया है उनमें कोविड का सबसे बड़ा लक्षण सिरदर्द होना पाया गया है. इसके बाद बहती नाक, गले में खराश, छींक और लगातार खांसी का आना है. यदि आपको कई दिनों तक लगातार छींक आती है तो यह सीजनल जुकाम के लक्षण न होकर कोरोना हो सकता है.
स्टडी करने वाले एक्सपर्ट मानते हैं कि सामान्य से ज्यादा छींक आना कोरोना का एक संभावित संकेत हो सकता है. यदि किसी व्यक्ति को कोविड के हल्के लक्षण हैं और उसे टीका लगा हुआ है तो भी ऐहतिया के तौर पर पृथक रहना चाहिए.
स्टडी के लिए तीन समूहों का हुआ चयन
एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि आप कोरोना से बार बार संक्रमित होते हैं तो यह भी आपके टीके की स्थिति पर निर्भर करता है. स्टडी के लिए तीन प्रकार के टीकाकरण समूह को शामिल किया गया था. इसमें कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने पहली खुराक ली, कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने दोनो वैक्सीन ली और कुछ ऐसे लोग भी थे जो पूरी तरह से गैर टीकाकृत थे.
एक्सपर्ट ने बताया कि गले में खराश, नाक बहना, लगातार खांसी और सिरदर्द सहित पांच सबसे आम लक्षणों में से चार, तीनों समूहों में दिखाई दिए – लेकिन उनका प्रसार अलग-अलग था. गैर-टीकाकरण वाले लोगों को आमतौर पर बुखार का अधिक अनुभव होता है, जो अन्य समूहों के शीर्ष पांच लक्षणों में प्रकट नहीं होता है. स्टडी में यह बात सामने आई कि लेकिन आपके टीकाकरण की स्थिति इस बात को प्रभावित कर सकती है कि आप इनमें से कितने लक्षण एक साथ अनुभव करते हैं.
वैक्सीन से बुखार का खतरा बेहद कम
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र द्वारा 2021 की तरफ से हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई कि एक या दो कोविड वैक्सीन खुराक वाले लोगों में बिना टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में बुखार जैसे लक्षण होने का जोखिम लगभग 60% कम था. अध्ययन में यह भी पाया गया है कि टीकाकृत प्रतिभागियों ने बिना टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में बिस्तर पर काफी कम बिताए.
सांस लेने की तकलीफ 21वें नंबर पर
हैरानी की बता यह है कि स्टडी में सांस लेने की तकलीफ को 21 नंबर पर लिस्टेड किया गया था. इसके साथ ही अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ कि कोरोना के नए संस्करण में स्वाद और गंध के नुकसान जैसे लक्षण पैदा करने की संभावना काफी कम है.