कठिन परिश्रम पर ही भाग्य निर्भर: सृष्टि मिश्रा

95 वीं रैंक हासिल करके दूसरे प्रयास में महज 22 वर्ष की उम्र में ही आईपीएस बनीं सृष्टि मिश्रा

कठिन परिश्रम पर ही भाग्य निर्भर: सृष्टि मिश्रा

सुईथाकला जौनपुर। विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत पिपरौल गांव निवासी आदर्श मिश्रा व बबिता मिश्रा की पुत्री  सृष्टि मिश्रा ने  यूपीएससी परीक्षा 2023 में  महज 22 वर्ष की उम्र में 95वी रैंक हासिल करके क्षेत्र का राष्ट्रीय स्तर पर मान बढ़ाया है। सृष्टि का चयन आईपीएस के पद पर हुआ है।पिता आदर्श मिश्र ब्राजील में विदेश मंत्रालय के भारतीय दूतावास में अवर सचिव पद पर सेवाएं दे रहे हैं। भारत (दिल्ली हेड क्वार्टर ),दक्षिण अफ्रीका,लेबनान, कंबोडिया, स्विटजरलैंड जैसे देशों में भी वह सेवा दे चुके हैं। माता एक कुशल गृहिणी हैं। शुरुआती और इंटरमीडिएट की पढ़ाई विदेशों में तथा हाई स्कूल दिल्ली से संपन्न हुई।स्नातक दिल्ली विश्वविद्यालय से किया। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में इकोनॉमिक्स से एम.ए. कर रही हैं। दूसरे प्रयास में ही यूपीएससी में सफलता हासिल करने वाली सृष्टि मिश्रा ने सामान्य अध्ययन के लिए कभी किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट में दाखिला नहीं लिया इसके लिए उन्होंने घर पर ही अध्ययन किया।जिन प्रतियोगी छात्र-छात्राओं की मानसिकता बिना कोचिंग इंस्टिट्यूट में प्रवेश लिए यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करना मुश्किल है ऐसे मिथक को इन्होंने तोड़ दिया है। यूपीएससी में वैकल्पिक विषय अर्थशास्त्र का डॉ विभास झा सर से ऑनलाइन कोचिंग की। जीएस स्कोर मॉक टेस्ट का ऑनलाइन अध्ययन किया।

सृष्टि मिश्रा ने  बताया कि आईएएस बनना हमारा लक्ष्य है फिलहाल आईपीएस  बन कर  राष्ट्र सेवा करना कम नहीं है। आईएएस के लिए हमारा प्रयास जारी है। अपनी सफलता पर उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं इसमें बाबा ,माता पिता, परिवार के सदस्यों और सभी लोगों का आशीर्वाद शामिल है।हमारा, माता-पिता और स्वजनों का सपना साकार हुआ। उन्होंने कहा कि अपनी  मेहनत और दूसरों के आशीर्वाद पर पूरा भरोसा और विश्वास होना चाहिए। परिश्रम में किसी प्रकार की कमी न हो तो सफलता अवश्य मिलेगी। भाग्य कठिन मेहनत पर निर्भर करता है। उन्होंने अपने पिता को सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत और डॉ विभास झा सर को आदर्श शिक्षक बताया। पिताजी ने शुरू से ही हमें सफलता की राह दिखाई कदम कदम पर मार्गदर्शन किया छोटी बहन श्रेया ,मौसी सुनीता पांडेय  की उम्मीदें हकीकत में बदली हैं। सभी शिक्षकों से आज भी जुड़ी हूं जिन्होंने हमेशा हमें आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

पिता आदर्श मिश्र ने इस बड़ी उपलब्धि पर खुशी जाहिर किया है।उन्होंने कहा कि इस सफलता को विनम्रता पूर्वक स्वीकार करना है और सेलिब्रेट करना है।आज से ही समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व और पद का ईमानदारी,कर्तव्य,निष्ठा ,समर्पण के साथ  जिम्मेदारियों का बखूबी  निर्वहन करने की वास्तविक जीवन की शुरुआत हो रही है। सभी युवाओं के लिए यह एक प्रोत्साहन का सुनहला अवसर है। उन्होंने बताया कि कठिन परिश्रम समर्पण से ही सफलता हासिल हो सकती है। माता बबिता मिश्रा कहती हैं कि निश्चित रूप से  यूपीएससी परीक्षा में चयन होगा, ऐसा भरोसा और पूरा विश्वास था जो आज सच साबित हुआ। उन्होंने भविष्य में अच्छा करने, तरक्की और नाम रोशन करने के लिए बधाई दीं। घर पर आकर बधाई देने वालों और फोन पर शुभकामनाएं देने वालों का ताता लगा हुआ है। परिवार के लोगों में जश्न और उत्सव का माहौल है। लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग बधाई दे रहे हैं।

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