अवैध नर्सिंग होम संचालकों के आगे स्वास्थ्य महकमा नतमस्तक
स्वास्थ्य महकमा की सरपरस्ती में मानकों को ठेंगा दिखाते संचालित इलाज के नाम पर मौत की दुकानें
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धड़ल्ले से संचालित हो रहे अवैध नर्सिंग होम, मरीजों से मनमानी फीस व इलाज के नाम पर लूट, जिम्मेदार बेखबर मोहम्मदी कस्बे के गली मोहल्लों में बिना पंजीयन संचालित निजी नर्सिंग-होम, लोगों की जान के साथ खिलवाड़
मोहम्मदी-खीरी। जिले में ऐसे अस्पताल और क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं है ऐसे अस्पताल या क्लीनिक के डॉक्टर्स के पास तो डिग्री तक नहीं है, बावजूद मरीजों का इलाज धड़ल्ले से कर रहे हैं इनमें कई डॉक्टर तो ऐसे हैं जो एलोपैथी में मरीजों के इलाज की पात्रता नहीं रखते हैं इसके बाद भी एलोपैथी में इलाज कर रहे हैं और आधा मेडिकल तो इनके क्लिनिक में ही संचालित हो रहा हैं।वर्तमान समय में जनपद के मोहम्मदी क्षेत्र में फर्जी अस्पतालों का बड़ा खेल संचालित हो रहा है संचालक स्वास्थ्य विभाग से सेटिंग गेटिंग करके बिना पंजीयन के ही अवैध हॉस्पिटल चला रहे हैं,
जिसका परिणाम यह है कि प्रतिदिन अस्पतालों में कोई न कोई घटना होती रहती है।जानकारी मुताबिक जिले के मोहम्मदी कस्बा मे कुशल हॉस्पिटल के नाम से निजी अस्पताल व अन्य निजी क्लिनिको का मकड़जाल फैला हुआ है ऐसे नर्सिंग होमो में मरीजों की सुविधाएं कम आर्थिक शोषण अधिक होता है इलाज के नाम पर लूट मची है वहीं इन निजी अस्पतालों में जिन डाक्टरों की डिग्री लगाकर अस्पताल पर बोर्ड व पम्पलेट लगाया जाता है,वह डाक्टर कभी अस्पतालों में दिखाई नहीं देते वहीं बाहर बोर्ड पर केवल उनका नाम व डिग्री लिखा रहता है नामी-गिरामी डाक्टरों की डिग्री ले अस्पताल का रजिस्ट्रेशन करा मरीजों के साथ धोखाधड़ी व लूट मची हैं।
फीस के नाम मोंटी रकम वसूल रहे निजी अस्पताल संचालक:-
सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक गांव-गांव दलालों से सेटिंग बना मरीजों को कम पैसों में व बेहतर इलाज का लालच देकर ग्रामीण क्षेत्रों के भोले-भाले लोगों को बातों में भ्रमित कर अपने निजी अस्पताल में भर्ती करते और बधी बधाई कमीशन उनको देते रहते है जब ये मरीज इनके जाल में फंस इनके अस्पतालों में पहुंच जाते हैं तो इनका आर्थिक शोषण शुरू हो जाता और इलाज के लिए मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं, जब इनके जाल में मरीज फंस जाता है तो कहीं न कहीं से पैसे का इंतजाम कर इनकी मांग पूरी करता है इस तरह ये दलाल इन मरीजों को सरकारी अस्पतालों के बजाय इन निजी अस्पतालों पर पहुंचाते रहते हैं।
सीएमओ कार्यालय में मात्र कुछ ही नर्सिंग होम और अस्पताल व जांच केन्द्र पंजीकृत हैं शेष नर्सिंग होम व अस्पताल अवैध रूप से साहब की सरपरस्ती में संचालित हो रहे हैं अवैध नर्सिंग होम के संचालन होने से जहां मरीजों व तीमारदारों का शोषण होता है विभागीय अधिकारी अवैध नर्सिंग होम की जांच अभियान चलाने का दावा तो करते हैं, लेकिन वह भी कागजों तक ही सीमित होकर रह जाता है मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में इन अस्पताल संचालकों की अच्छी खासी पकड़ हैं, जिससे इनका कोई बाला बांका नहीं कर सकता।जब किसी नर्सिंग होम या अस्पताल में घटना घटित हो जाती है
तो स्वास्थ्य महकमा द्वारा टीम गठित कर एक-दो दिन छापेमारी कर खानापूर्ति कर दी जाती है फिर एक सप्ताह बाद मामला पुन: मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है अब देखना यह हैं की इन अस्पतालों पर कोई कार्रवाई होती या धड़ल्ले से संचालित होते रहते हैं।इस बाबत मे जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक मोहम्मदी डॉ मयंक मिश्रा से उक्त मामले में जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग खीरी निरन्तर अवैध अस्पतालों के खिलाफ टीम गठित कर अभियान चलाया जाता है फिलहाल निजी अस्पताल की जानकारी व फोटो मेरे पर्सनल नम्बर पर डाल दीजिए दिखवा लेता हूं अगर मानकों को दरकिनार कर निजी अस्पताल मोहम्मदी में संचालित किया जा रहा है तो विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
Tags: Lakhimpur Kheri
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