गजेंद्र सांवला को मिला ‘हुमा स्मृति सम्मान 2024’
काव्य गोष्ठी में मौजूद कविगण।
मथुरा। ब्रज के प्रसिद्ध शायर महेन्द्र सक्सैना ‘हुमा’ की स्मृति में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में ब्रज के साहित्यकार, कवियों ने उनकी रचनाओं का पाठ कर अपनी श्रद्धांजली प्रदान की। आयोजन में युवा कवि गजेन्द्र सांवला को ‘हुमा स्मृति सम्मान’ से नवाजा गया। रविवार को साहित्यिक संस्था ‘ब्रज के अनुपम रंग’ व ‘ब्रज साहित्य परिषद न्यास’ के संयुक्त तत्वावधान में गोविंद नगर स्थित वरिष्ठ नागरिक समिति भवन में एक साहित्यिक समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजन में दिवंगत शायर महेंद्र सक्सेना ‘हुमा साहब’ को याद करते हुए उनकी गजलों का वाचन भी हुआ। कार्यक्रम का आरम्भ कवियत्री रेणु उपाध्याय द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया। गोवर्धन से आये कवि गोपाल ‘गोप’ ने ‘जीवन में झांका नहीं उनके तनिक प्रपंच, शोभित उनसे रहे थे कविता के सब मंच..’ गजल पढ़ी।
डॉ. नीतू गोस्वामी ने ‘चाहे दौलत न दो, चाहे शोहरत न दो, तुम जरा मुस्करा दो, बहुत हो गया, गीत पढ़ा। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. धर्मराज ने हुमा रचित पुस्तक ‘आबशार’ से ‘सरासर प्रश्न हैं पर हल नहीं है, मेरे घर नल है पर जल नहीं है। व्यवस्थायें बदल सकती हैं लेकिन तुम्हारे बाजुओं में बल नही है...’गजल पढ़कर अपने संस्मरण सुनाये। ब्रज के अनुपम रंग’ संस्था द्वारा गजलकार हुमा की स्मृति में एक वार्षिक सम्मान ‘हुमा स्मृति सम्मान’ का आरम्भ किया गया। इस वर्ष का ‘हुमा स्मृति सम्मान 2024’ युवा कवि गजेंद्र संवाला को दिया गया। कार्यक्रम में, निम्बार्क प्रसाद, जगदीश समंदर, बृषभान गोस्वामी आदि ने अपने संस्मरण साझा किए। आयोजन संयोजक एवं संचालक अनुपम गौतम ने सभी का आभार व्यक्त किया। अनिल गौतम ,राजीव पाठक, नेत्रपाल गौतम आदि उपस्थित रहे।
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