40 हाथियों के दल ने धान फसल को पहुंचाया नुकसान, किसान परेशान

40 हाथियों के दल ने धान फसल को पहुंचाया नुकसान, किसान परेशान

धमतरी। किसानों के खेतों में तैयार हो रही रबी धान फसल को हाथियों ने रौंदकर व खाकर पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित किसानों ने वन विभाग से तत्काल नुकसान फसल का सर्वे करके नुकसान की भरपाई के अनुसार मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है, क्योंकि खेती-किसानी में किसानों ने पूरा खर्च कर चुके हैं। वन परिक्षेत्र दुगली अंतर्गत विभिन्न गांवों के जंगल क्षेत्रों में इन दिनों सिकासेर दल के 35 से 40 हाथी विचरण कर रहे हैं, इससे क्षेत्रवासियों में काफी दहशत है। 14-15 अप्रैल को हाथियों का यह दल ग्राम भोभलाबाहरा व मुनईकेरा क्षेत्र में पहुंचकर वहां रबी धान फसल लेने वाले कुछ किसानों के धान फसल को बुरी तरह से रौंदकर व खाकर बर्बाद कर दिया है। फसल पूरी तरह से जमीन से उखड़ चुका है, जबकि पौधों में धान की बालियां निकल रही थी। खेतों में एक भी पौधा जीवित अवस्था में नहीं है। नुकसान धान फसल को देखकर पीड़ित किसान सिर पीट रहे हैं। पीड़ित किसानों की मांग है कि वन विभाग तत्काल खराब फसल का सर्वे करें और नुकसान भरपाई के अनुसार पर्याप्त मुआवजा प्रदान करें।

किसानों ने बताया कि रबी धान फसल लेने के लिए खेतों में पूरा खर्च कर चुके हैं। कुछ ही दिनों में धान फसल तैयार होने के बाद फसल की कटाई-मिंजाई करने सोच रखा था, लेकिन हाथियों ने किसानों के उम्मीदों पर पानी फेर दिया। हाल ही में पीड़ित किसान ने अपने घर में शादी कार्यक्रम किया है, इसका कर्ज चुकाने धान फसल तैयार होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन फसल बर्बाद होने से अब कर्ज चुकाने का चिंता बढ़ गई है। उल्लेखनीय है कि आसपास गांवों के कई किसानों के खेतों में रबी धान फसल तैयार हो रही है, ऐसे में इन किसानों की भी चिंता बढ़ गई है। हाथी निगरानी दल प्रभारी संदीप कुमार सोम एससीएफओ जबर्रा, निगरानी दल के मनेष कुमार यादव, बीरेनद्र कुमार, हलाल यादव, संतोष यादव आदि से मिली जानकारी के अनुसार हाथियों का यह दल 16 अप्रैल को ग्राम चारगांव, जबर्रा, खरखा, गजकन्हार, तुमबाहरा, कल्लेमेटा, बिलभदर समेत आसपास के जंगलों में विचरण कर रहे हैं। क्षेत्रवासियों को गांवों में मुनादी करके अलर्ट किया गया है। जंगल जाने से स्पष्ट मना है। हाथियों के रहते तक महुआ, तेंदूपत्ता तोड़ने, लकड़ी बिनने समेत रात में आने-जाने की मनाही है, क्योंकि हाथियों से जान को खतरा बना हुआ है।



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