'दिशा' की बैठक से प्रतापगढ़ की दशा में क्या सुधार होगा? या बैठक महज़ खानापूर्ति !!
प्रतापगढ़। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति *दिशा* की बैठक सांसद डॉ0 शिवपाल सिंह पटेल की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते हुई थी जिसमें विधायक सदर , विश्वनाथगंज एवं बाबागंज, सांसदों, विधायकों,एमएलसी के प्रतिनिधिगण, ब्लॉक प्रमुख, जिलाधिकारी ,पुलिस अधीक्षक एवं समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक में शासन द्वारा संचालित अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी विभागाध्यक्ष देते हुए बताते हैं कि अमुक योजनाओं में लक्ष्य के सापेक्ष कितना कार्य हुआ, जिस पर सांसदों विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में कमी अथवा अपूर्ण कार्यों की शिकायतों के रूप में बैठक में दर्ज किया जाता है जिस पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद द्वारा सामान्य तौर पर अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करा लें जिस पर अधिकारियों द्वारा कार्यों की पूर्णता हेतु आश्वस्त कर दिया जाता है। अंतत *दिशा* की बैठक समाप्त हो जाती है।
वास्तविकता तो यह है कि योजनाओं के संचालन एवं गुणवत्ता की जमीनी परख के लिए माननीयों के पास वक्त नहीं है।गर्मी चरम पर है। ऐसी स्थिति में गांव-गांव जाकर चल रही योजनाओं का निरीक्षण करना नामुमकिन है। कौन ज़हमत उठाये। इसलिए कागज़ों पर अंकित आंकड़ों को ही बेबसी में सही मान लिया जाता है जो वास्तविकता से परे होता है।* दिशा* की बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद भी इसी बहाने जनप्रतिनिधियों से लगभग 3 महीने बाद आहूत बैठक में मुलाकात कर लेते हैं। स्पष्ट है कि दिशा बैठक महज़ एक खाना पूर्ति है। चूंकि बैठक की सूचना शासन को भेजी जाती है इसलिए बैठक में भाग लेना सांसद महोदय की मजबूरी भी है, इसके लिए उन्हें लखनऊ से आना पड़ता है और शाम को वापसी हो जाती है। वरना, सांसद जी का जनपद में दर्शन होना ही दुर्लभ है।
यहां बात करते हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री की, वह लखनऊ में अथवा गृह जनपद गोरखपुर में अपने प्रवास के दौरान जनता दर्शन नियमित रूप से करते हैं परंतु प्रतापगढ़ के सांसद का जनता दर्शन कब होता है कहां होता है, जनपदवासियों को पता ही नहीं लग पाता है। उन्हें ढूंढते ही रह जाएंगे। उन्हें यहां के विकास से क्या लेना- देना?
वहीं देखा जाय तो सात विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग पार्टी के विधायक भी हैं, निश्चित है कि विचारधाराए भी अलग-अलग होंगी।यही कारण है की *दिशा* बैठक में एकरूपता और सामंजस्यता का अभाव है ऐसी स्थिति में अधिकारी भी मौके का फायदा उठाते हुए बैठक में कोरा आश्वासन देने में नहीं हिचकते। ऐसी हालत में प्रतापगढ़ की दशा में सुधार होना असंभव सा दिखाई पड़ता है प्रतापगढ़ को नया स्वरूप देने एवं आम जनों के हित में परियोजनाओं की स्थापना एवं क्रियान्वयन हेतु सांसद महोदय को चिंतनशील होना चाहिए और यह तभी संभव है जब वह प्रतापगढ़ में जनता के लिए सुलभ रहें।
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