EU ने टिकटॉक पर ठोंका 5066 करोड़ रुपये का जुर्माना

EU ने टिकटॉक पर ठोंका 5066 करोड़ रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली। यूरोपीय संघ (EU) के सख्त डेटा प्राइवेसी नियमों के उल्लंघन के चलते टिकटॉक (TikTok) पर 530 मिलियन यूरो (लगभग 600 मिलियन डॉलर) का भारी जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई चार साल चली जांच के बाद की गई है, जिसमें यह सामने आया कि टिकटॉक ने यूरोपियन यूनियन (EU) की गोपनीयता नीतियों का उल्लंघन करते हुए यूरोपीय उपयोगकर्ताओं का व्यक्तिगत डेटा चीन भेजा।
 
आयरलैंड की डेटा प्रोटेक्शन कमीशन ने की कार्रवाई
चूंकि टिकटॉक का यूरोपीय मुख्यालय डबलिन में स्थित है, इसलिए आयरलैंड की डेटा प्रोटेक्शन कमीशन ने इस जांच की अगुवाई की। आयोग ने यह भी कहा कि टिकटॉक उपयोगकर्ताओं को यह स्पष्ट नहीं करता था कि उनका डेटा कहां भेजा जा रहा है और उसे किस प्रकार प्रोसेस किया जा रहा है।
 
आयोग के उप आयुक्त ग्राहम डॉयल ने बताया, "टिकटॉक यह साबित नहीं कर सका कि चीन में स्थित उसके कर्मचारियों द्वारा दूरस्थ रूप से एक्सेस किए गए यूरोपीय यूजर्स के डेटा को वही सुरक्षा दी जा रही थी, जो EU में दी जाती है।"
 
अपील की तैयारी में टिकटॉक
टिकटॉक ने इस फैसले पर असहमति जताते हुए कहा है कि वह इसके खिलाफ अपील करेगा। कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि जांच की अवधि मई 2023 में समाप्त हुई थी, जबकि उसी समय कंपनी ने ‘Project Clover’ नामक डेटा लोकलाइजेशन प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसके तहत यूरोप में तीन डेटा सेंटर बनाए जा रहे हैं।
 
टिकटॉक की यूरोपीय पब्लिक पॉलिसी प्रमुख क्रिस्टीन ग्रान ने कहा, "प्रोजेक्ट क्लोवर के तहत हमने उद्योग में सबसे कठोर डेटा सुरक्षा उपाय अपनाए हैं और इसके संचालन पर यूरोपीय साइबर सुरक्षा फर्म एनसीसी ग्रुप की स्वतंत्र निगरानी भी है।"
 
कंपनी ने चीन को डेटा सौंपने से इनकार किया
टिकटॉक ने दावा किया है कि उसे कभी भी चीन सरकार से यूरोपीय यूजर्स का डेटा साझा करने का अनुरोध नहीं मिला और उसने ऐसा कभी किया भी नहीं है। जांच में यह भी पाया गया कि टिकटॉक की पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी में यह नहीं बताया गया था कि यूजर्स का डेटा चीन जैसे तीसरे देशों को भेजा जा रहा है। इस नीति में यह भी स्पष्ट नहीं किया गया था कि सिंगापुर और अमेरिका में संग्रहित डेटा तक चीन में स्थित कर्मचारियों की पहुंच है।
 
चीन के कानून EU नियमों से अलग
आयोग ने चिंता जताई कि चीन के आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय खुफिया कानून EU मानकों से अलग हैं, जिससे यूजर्स के डेटा की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।
 
DPC का कहना है कि टिकटॉक ने जांच के दौरान गलत जानकारी दी। कंपनी ने पहले कहा था कि यूरोपीय यूजर्स का डेटा चीन में स्टोर नहीं किया गया है, लेकिन अप्रैल 2024 में यह स्वीकार किया कि फरवरी में उसे पता चला कि कुछ डेटा वास्तव में चीन में स्टोर था।
 
उपायुक्त डॉयल ने कहा, "यह एक गंभीर मामला है और हम आगे की नियामकीय कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।"

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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