चिकित्सा जगत में मानव रक्त का विकल्प नहीं: डॉ. पीके

चिकित्सा जगत में मानव रक्त का विकल्प नहीं: डॉ. पीके

लखनऊ। विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर रूद्र सेवा संस्थान और समाधान चैरिटेबल ब्लड केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को एक रक्तदान शिविर का आयोजन विमल कुंज कॉलोनी, इंदिरा नगर में किया गया। इसमें स्थानीय नागरिकों के साथ बड़ी संख्या में पत्रकार, व्यापारी और प्रबुद्ध नागरिकों ने रक्तदान किया और इसमें युवाजन भी आगे रहे और सबके लिये जलपान आदि कि उचित व्यवस्था की गयी थी। शिविर का शुभारम्भ डॉ. पीके शुक्ल, संचालक मारुती होमियो क्लिनिक इंदिरा नगर ने किया।

उन्होंने रक्तदान की महत्ता और जरूरत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चिकित्सा जगत मानव सेवा में अपनी अधिकतम ऊंचाइयों पर पहुच गया है परन्तु मानव रक्त का अभी कोई विकल्प नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष एक करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है परन्तु उपलब्धता मात्र 75 लाख यूनिट ही है जिसके अभाव में प्रति वर्ष सैकड़ों मरीजों की जान चली जाती है। इसलिए हम सभी का नैतिक दायित्व बनता है कि हम सभी लोग रक्तदान अवश्य करें।

बताया कि एक स्वस्थ मानव प्रति तीन माह में रक्तदान कर सकता है। रक्तदान से शरीर को कोई नुक्सान नहीं होता है। इस दौरान धनञ्जय पात्रा, गीता हैडिया और समाधान चैरिटेबल ब्लड केंद्र के निदेशक अभिषेक सिंह ने शिविर की सफलता के लिए सभी रक्तदाताओं, समाधान चैरिटेबल ब्लड केंद्र के कर्मचारियों, रूद्र सेवा सदन के कर्मचारियों तथा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले व्यक्तियों के लिए आभार प्रकट किया।

Tags: lucknow

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

भगवान शिव के दिगम्बर भक्त नागा संन्यासी भगवान शिव के दिगम्बर भक्त नागा संन्यासी
प्रयागराज : गंगा के किनारे आज श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अवधूतों को नागा दीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो...
Airtel ग्राहकों की पलक झपकते ही डाउनलोड होगी मूवी
मुंबई लोकल: कई लाइनों पर आज सेवाएं घंटों रहेंगी प्रभावित
पाकिस्तान की मेजबानी में 19 फरवरी से आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आगाज
आज का राशिफल 19 जनवरी 2025 :  इन राशियों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है आज का दिन
 आज का राशिफल 19 जनवरी 2025 :  इन राशियों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है आज का दिन
बिना परमिट के चल रही है निर्माण कंपनियों में सैकड़ो ट्रके आखिर कैसे?