राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन व्यवस्था पर जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश।
संत कबीर नगर,28मई, 2025 (सूचना विभाग)।* जिलाधिकारी आलोक कुमार अध्यक्षता में बरसात के मौसम में सम्भावित बाढ़ एवं बंधों के कटान आदि से बचाव एवं सुरक्षा के दृष्टिगत बाढ़ स्टीयरिंग कमेटी की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) जयप्रकाश उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान बाढ़ अधिकारी/अधिशाषी अधिकारी ड्रेनेज खण्ड ने सम्भावित बाढ़ से बचाव के दृष्टिगत अब तक की तैयारियों के बारे में अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन परियोजनाओं/बंधों की मरम्मत आदि को गुणवत्ता सहित अबिलम्ब पूर्ण कर लिये जाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने जनपद में बाढ़ के दृष्टिगत संवेदनशील नदियों राप्ती एवं घाघरा के आस-पास के इलाकों में सम्भावित बाढ़ से पूर्व की गयी तैयारियों की गहन समीक्षा करते हुए बंधो, बाढ़ चौकियों, राहत केंद्रों एवं राहत शिविरों की स्थापना एवं अलग-अलग विभागों को उनके विभागीय जिम्मेदारियां के अनुसार लगाई गई ड्यूटी आदि के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि सभी संबंधित अधिकारीगण/कर्मचारीगण अपनी ड्यूटी के अनुसार पूरी सतर्कता, तैयारी एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बाढ़ के दौरान राहत किट हेतु जिला पूर्ति अधिकारी एवं पशुओं हेतु भूसा की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि इस संबंध में आवश्यक टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
जनपद में संभावित बाढ़ के दृष्टिगत सुरक्षा एवं बचाव हेतु 03 बाढ़ चौकी, 04 राहत केंद्र एवं 05 राहत शिविर बनाए गए हैं। जिनमें आवश्यकतानुसार संबंधित विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है।
जिलाधिकारी ने बाढ़ की सम्भावना से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों विशेष रूप से धनघटा तहसील एवं मेंहदावल तहसील में बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले ग्रामीणों एवं उनके पशुओं को बाढ़ के दौरान व्यवस्थित किये जाने हेतु राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन से सम्बंधित विभिन्न बिन्दुओं की समीक्षा बिन्दुवार सम्बंधित अधिकारियों से उनके जिम्मेदारियों एवं विभागीय कार्यों के विषय में जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन के विषय में जिलाधिकारी ने राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन से सम्बंधित सभी विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वयता बनाये रखने का निर्देश देते हुए कहा कि चूकि बाढ़ एक आकस्मिक आपदा है इसलिए इसके दुष्प्रभाव से बचने हेतु पहले से ही सभी बिन्दुओं पर पैनी नजर बनाये रखी जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि राहत कैम्पों की स्थापना ऐसे स्थलों पर किया जाए जहां अवागमन की अच्छी सुविधा हो। उन्होंने राहत कैम्प में स्वच्छ भोजन, पानी, सोने की व्यवस्था, शौचालय, निर्वाध विद्युत आपूर्ति, बच्चों को खेलने एवं पढ़ने की व्यवस्था, 108 एवं 102 एम्बुलेंस की व्यवस्था, चिकित्सक की व्यवस्था, क्लोरीन की गोली की उपलब्धता आदि से सम्बंधित बिन्दुओं पर सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने बाढ़ से प्रभावित पशुओं हेतु कैम्प की स्थापना के साथ उसका उचित देख-रेख, पशुओं के भूसा-चारे की व्यवस्था, पशुओं का टीकाकरण आदि से सम्बंधित बिन्दुओं पर जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि विशेष रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पशुओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण तत्काल करा लिया जाए। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया कि एक बार पुनः हैण्ड पम्पों के सक्रिय होने की जांच कर ली जाए, किसी भी तरह की तकनीकी खराबी अथवा दूषित पानी निकलने की अवस्था में सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारी के साथ समन्वयता बनाते हुए तत्काल ठीक करा दिया जाए।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि चूॅकि बाढ़ की स्थिति में विभिन्न प्रकार के संक्रमणों आदि की सम्भावना काफी बढ़ जाती है इसलिए इससे बचाव के उपायों को पहले से ही सुनिश्चित कर लिया जाए। उन्होंने ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों जैसे ए0एन0एम0, आशा बहुओं के साथ आवश्यक बैठक करते हुए सम्भावित बाढ़ क्षेत्रों में गर्भवती एवं धात्रि महिलाओं का विवरण तैयार रखने और उन्हें किसी भी संक्रमण से प्रतिरक्षित रखने हेतु टीकाकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने बाढ़ के दौरान किसी भी संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक और जीवन रक्षक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों में नाव, मोटर बोट की व्यवस्था रखते हुए गोताखोरों का नाम, पता एवं मोबाइल नम्बर तथा पहले से ही उनके सम्पर्क में रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थानीय लोगो से किसी भी सम्भावित समस्या के बारे में पहले से ही जानकारी प्राप्त कर इसका निस्तारण सुनिश्चित करा लिया जाए।
जिलाधिकारी ने बैठक में बाढ़ के दौरान एवं बाढ़ के उपरांत फैलने वाली संक्रामक बीमारियों आदि के विषय में सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में छिड़काव की जाने वाली दवाइयों एवं कर्मियों की व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाए।
इस अवसर पर डीसी मनरेगा प्रभात द्विवेदी, उप जिलाधिकारी धनघटा डॉ0 सुनील कुमार, तहसीलदार धनघटा योगेंद्र कुमार पांडेय, तहसीलदार मेहदावल अल्पिका वर्मा, उपायुक्त उद्योग राजकुमार शर्मा, वरिष्ठ कोषाधिकारी त्रिभुवन लाल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्येंद्र सिंह, अधिशाषी अभियंता ड्रेनेज खंड राम उजागिर, जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज कुमार यादव, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका अवधेश भारती सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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