अदवा, मेजा और सिरसी जलाशयों को लेकर एमपी-यूपी के अधिकारियों ने बनाई साझा रणनीति

वर्षा से पहले ही तैयार हुआ पानी छोड़ने का प्लान, वाट्सऐप से होगी आपात सूचना की त्वरित डिलीवरी

अदवा, मेजा और सिरसी जलाशयों को लेकर एमपी-यूपी के अधिकारियों ने बनाई साझा रणनीति

मिर्जापुर। बाढ़ नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अफसरों की वर्चुअल मीटिंग में रणनीति ऐसी बनी कि अब पानी एक साथ नहीं, संभलकर छोड़ा जाएगा। रीवा मण्डल के मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में विन्ध्याचल मण्डल के आयुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी सहित दोनों राज्यों के सिंचाई और प्रशासनिक अफसर जुड़े।

बैठक का फोकस था, मीरजापुर के अदवा, सिरसी और मेजा जलाशयों से मानसून में छोड़े जाने वाले पानी से मध्यप्रदेश के त्योथर क्षेत्र को होने वाले नुकसान को रोकना। मध्यप्रदेश के अधिकारियों ने साफ कहा कि 80,000 क्यूसेक से ज्यादा पानी अगर एक साथ छोड़ा गया, तो बाढ़ तय है। इस पर यूपी के अफसरों ने भरोसा दिलाया कि पानी को नियंत्रित रूप से और पूर्व सूचना के साथ ही छोड़ा जाएगा।

बैठक में तय हुआ कि 15 जून तक दोनों राज्यों के बीच अलर्ट नेटवर्क (वायरलेस, फोन और वाट्सऐप) सक्रिय कर दिया जाएगा ताकि जलप्रवाह, वर्षा और संभावित बाढ़ की सूचना तत्काल साझा की जा सके। सभी वर्षा मापी यंत्रों को भी क्रियाशील करने के निर्देश दिए गए।

बैठक के अंत में मण्डलायुक्त रीवा ने सभी अधिकारियों का आभार जताया। इस रणनीतिक बैठक में दोनों राज्यों के सिंचाई विभागों के वरिष्ठ अभियंता, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी जुड़े रहे।

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