पशुओं के लिए स्वास्थ्य वर्धक औषधि का निःशुल्क वितरण
बस्ती - रैबीज मानव एवं अन्य स्तनधारी प्राणियों को होने वाले विषाणु जनित घातक बीमारी है।जो प्रमुख रूप से पागल कुत्तों के काटने से होती है। इस बात की जानकारी डिप्टी सीवीओ रामनगर डॉ बलराम चौरसिया ने हलुआ हसनपुर में आयोजित पशुपालक गोष्ठि में दी। बताया कि यह बीमारी संक्रमित कुत्ता के अलावा बंदर,सियार,नेवला व चमगादड़ आदि के काटने से भी हो सकती है। इस रोग का विषाणु पीड़ित पशु या मानव के तंत्रिका तंत्र को क्षतिग्रस्त करता है। इस लिए पीड़ित को दिमागी लक्षण जैसे बिना कारण परिवर्तित आवाज में बार बार बोलना, आंखें लाल, जबड़ा खुला, मुंह से लार आना,लहरा कर चलना, चारा पानी न निगलना,पशु अपने मालिक को नहीं पहिचान पाता , इधर उधर भागते हुए मानव और पशु को बिना आवाज किए काटने लगता हैं।दिमागी लक्षण आने के बाद अच्छा से अच्छा उपचार भी निष्प्रभावी हो जाता है। और एक सप्ताह के अंदर पीड़ित की मौत हो जाती है। पोस्ट बाइट एंटी रैबीज सुई लगवाना ही रैबीज से बचाव का एकमात्र उपाय होता है। इस लिए जब भी कोई संक्रमित कुत्ता किसी आदमी या पशु को काटे तो घाव को साफ कर एंटीसेप्टिक घोल लगाएं तथा बिना देरी किए चिकित्सक की सलाह से एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए। मौके पर 38 पशुओं के लिए स्वास्थ्य वर्धक औषधि का निःशुल्क वितरण किया गया।इस अवसर पर नरेंद्र, सीताराम अनुज,जोखू प्रसाद, रानी आदि मौजूद रहे।
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