जिले में भाजपा का 3 पर कब्जा, एक पर कांग्रेस
वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा जीते रिकॉर्ड 59 हजार मतों से, संसदीय क्षेत्र में भाजपा का दबदबा
मंदसौर। मंदसौर जिले में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन ने सबको चैंका दिया है। जहां सभी जगहों पर क्लोज मुकाबला होने की उम्मीद लगाई जा रही थी। वहीं सुवासरा, गरोठ और मल्हारगढ़ में भाजपा ने एक तरफा जीत दर्ज कराई। जिसमें मल्हारगढ़ में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा लगभग 59024 मतों से विजयी हुए। महत्वपूर्ण बात यह रही कि कांग्रेस प्रत्याशी परशुराम सिसौदिया तीसरे नंबर पर रहे। दूसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीद्वार श्यामलाल जोकचंद रहे। इधर मंदसौर में आखिरी तक मुकाबला कशमकश का रहा। लेकिन अंत में कांग्रेस के विपीन जैन ने तीन बार के विजयी भाजपा प्रत्याशी और विधायक यशपालसिंह सिसौदिया को 2783 मतों से हराया। इधर मनासा से अनिरुद्ध माधव मारु ने नरेंद्र नाहटा को हराया। जावद में चैकाने वाला परिणाम सामने आया। ओमप्रकाश सकलेचा ने कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के समंदर पटेल को काफी क्लोज मुकाबले में शिकस्त दी।
जिले की बात करें तो सबसे कशमश मुकाबला मंदसौर विस सीट पर देखने को मिला। यहां बीसवें और अंतिम राउंड तक तगड़ा मुकाबला रहा। कांग्रेस के विपीन जैन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के यशपालसिंह सिसौदिया को 2049 मतों से हराया। मंदसौर विस क्षेत्र के 1509 मतदाताओं ने नोटा का उपयोग करते हुए मैदान में खड़े सभी उम्मीदवारों को नकार दिया। गौरतलब है कि विपीन जैन दलौदा के पूर्व सरपंच और जिला कांग्रेस अध्यक्ष है। सुवासरा में सरदार फिर असरदार साबित हुए और लगातार तीसरा विस चुनाव जीते। भाजपा प्रत्याशी हरदीपसिंह डंग ने एक बार फिर कांग्रेस के राकेश पाटीदार को लगभग 23152 मतों से हराया। यहां शुरुआत से ही हरदीपसिंह डंग ने बढ़त बनाए रखी थी। रौचक स्थिति मल्हारगढ़ में भी बनी। यहां एक तो भाजपा प्रत्याशी जगदीश देवड़ा ने रिकॉर्ड 59024 मतों से जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी परशुराम सिसौदिया तीसरे नंबर पर रहे। जबकि कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार श्यामलाल जोकचंद दूसरे नंबर पर रहे।
गरोठ में दूसरी बार चंदरसिंह के सिर पर ताज
गरोठ विस क्षेत्र से कांग्रेस ने एक बार फिर सुभाष सोजतिया पर दांव लगाया था। उनके सामने भाजपा ने चंदरसिंह सिसौदिया को फिर सेे आजमाया। यहां कांगे्रस के सुभाष सोजतिया को लगभग 18675 मतों से हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि भाजपा ने यह सीट फंसी हुई मानी थी। यहां भाजपा को भारी भितरघात का सामना भी करना पड़ा। इसके बावजूद भाजपा की जीत ने सारे समीकरण बदल डाले।
टिप्पणियां