पालमपुर राम मंदिर संकल्प की पवित्र भूमि, संकल्प स्थल पर बने स्मारक : शान्ता कुमार
पालमपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश विशेषकर पालमपुर की जनता बधाई की पात्र है। उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते शुक्रवार को एक जनसभा में दिए गए उस वक्तव्य के बाद आया जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा, “हिमाचल प्रदेश का पालमपुर राम मंदिर के संकल्प की पवित्र भूमि है। राम मंदिर की तरह पालमपुर ने भी एक नया इतिहास बनाया है।”
शांता कुमार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि जब उन्होंने टीवी पर प्रधानमंत्री मोदी को यह कहते हुए देखा और सुना तो वह भावुक हो गए और स्वयं को धन्य अनुभव किया। उन्होंने राम मंदिर के 500 वर्षों के संघर्ष और सैकड़ों राम भक्तों की शहादत को याद करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारत ही नहीं, बल्कि विश्व इतिहास की एक महान घटना है।
उन्होंने बताया कि 12 जून 1989 को भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की ऐतिहासिक बैठक पालमपुर के रोटरी भवन में हुई थी, जिसमें राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया था। उस समय वह हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष थे। बैठक में लालकृष्ण आडवाणी ने प्रस्ताव पेश किया था और अटल बिहारी वाजपेयी ने उसका समर्थन किया था। अटल के शब्द आज भी उनके कानों में गूंजते हैं — “जब तक राम मंदिर बन नहीं जाता, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।”
शांता कुमार ने सुझाव दिया कि पालमपुर के सभी नेता मिलकर उस ऐतिहासिक कक्ष की स्मृति में एक विशेष स्मारक बनाएँ और रोटरी भवन के उस कमरे का नाम ‘राम मंदिर संकल्प कक्ष’ या इससे जुड़ा कोई नाम रखा जाए। उन्होंने कहा कि वह इस प्रयास में पूरा योगदान देने को तैयार हैं।
उन्होंने पालमपुर के नेताओं और रोटरी संगठन से इस विषय पर मिलकर बैठने और निर्णय लेने का आग्रह किया ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस ऐतिहासिक पल को स्मरण कर सकें।
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