Russian Universities में बढ़ रही भारतीय छात्रों की रूचि
Medical Science की पढ़ाई का बना पसंदीदा स्थान
By Tarunmitra
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नई दिल्ली। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में विदेशी विद्यार्थियों के प्रवेश पर अंकुश लगाने के ट्रम्प प्रशासन के प्रयास में रूसी विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा संस्थानों को नया अवसर दिख रहा है और वे भारतीय छात्र-छात्राओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के अभियान में लगे हैं। रूसी विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा संस्थान प्रमुख भारतीय शहरों में विशेष सम्पर्क कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। रूसी संस्थान इस अभियान में अन्य बातों के साथ बता रहे हैं कि उनके यहां विशेष रूप से चिकित्सा (मेडिकल) शिक्षा का खर्च तुलनात्मक रूप से कम है और इस लिए रूस भारतीय विद्यार्थियों के लिए चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई का पसंदीदा स्थान बन गया है।
इसी तरह के एक अभियान में शनिवार को यहां रूसी हाउस में आयोजित शिक्षा-मेले सैकड़ों विद्यार्थी और अभिभावक आए थे। मेले में रूस के प्रमुख मेडिकल विश्वविद्यालयों ऑरेनबर्ग स्टेट मेडिकल विश्वविद्यालय, पर्म स्टेट मेडिकल विश्वविद्यालय, बीबी गोरोडोविकोव कलमीक स्टेट विश्वविद्यालय , प्सकोव स्टेट विश्वविद्यालय और मारी स्टेट विश्वविद्यालय सहित कई प्रमुख रूसी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने उनके साथ संवाद किया। इस वर्ष रूसी शिक्षा मेला भारत के सात शहरों- मुंबई, त्रिवेंद्रम, कोलकाता, नयी दिल्ली, पटना, अहमदाबाद, इंदौर, चंडीगढ़ और जयपुर में आयोजित किया जा रहा है।
दिल्ली में आज आयोजित कार्यक्रम में इन विश्वविद्यालयों ने अपने यहां प्रवेश प्रक्रिया, शैक्षणिक कार्यक्रमों, बुनियादी ढांचे, छात्रावास सुविधाओं और रूस में जीवन के बारे में जानकारी दी और इससे संबंधित प्रश्नों का समाधान किया। मेले मे मौजूद मारी स्टेट विश्वविद्यालय की कुलपति पेट्रोवा इरीना ने कहा,“हम भारतीय छात्रों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के साथ विश्व के अन्य देशों की तुलना में मेडिकल संबधी उच्च शिक्षा को किफायती रूप में उपलब्ध कराते हैं। पिछले साल करीब 40000 भारतीय छात्र रूस में आए जिसे हम अपनी उपलब्धि मानते हैं।”
इस अवसर पर रूसी हाउस की निदेशक डॉ. एलेना रेमीज़ोवा ने कहा, “शिक्षा भारत-रूस सहयोग के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक है। रूसी शिक्षा मेले जैसी पहलों के माध्यम से हमारा लक्ष्य भारतीय छात्रों को रूस में विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों तक पहुँच प्रदान करना है। ये सहयोग न केवल शैक्षिक आदान-प्रदान हैं बल्कि हमारे देशों के बीच गहरी दोस्ती का प्रतीक भी हैं।”
अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 2023-24 में 3.31 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे थे और वहां के लिए भारत विदेशी विद्यार्थियों का सबसे बड़ा स्रोत था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने राजनीतिक निर्णयों के तहत आमेरिका में आव्रजन के नियम सख्त करने के साथ अमेरिकी विश्वविद्यालयों की विदेशी विद्यार्थियों को प्रवेश देने की क्षमता पर नियामकीय और वित्तीय अंकुश लगाने शुरू कर दिए हैं।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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