राम मंदिर में दूसरा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम, आज निकलेगी भव्य कलश यात्रा
अयोध्या : राम मंदिर अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब राम दरबार के स्थापना की बारी है और इसके लिए आज से विशेष अनुष्ठान की शुरुआत होने जा रही है। आज से 5 जून तक चलने वाले अनुष्ठान के दौरान प्रभु श्रीराम परिवार सहित मंदिर के प्रथम तल पर बने राम दरबार में विराजेंगे। साथ ही 8 प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा भी होगी। राम मंदिर के पहले तल पर राजा राम का दरबार होगा। 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम बालक राम के रूप में स्थापित किए गए थे।
आज सबसे पहले सरयू आरती स्थल से कलश यात्रा निकाली जाएगी। राम दरबार में संगमरमर की मूर्ति प्रथम तल पर स्थापित की जानी है। इसके साथ हीजटायु, तुलसीदास, वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। आज से शुरू हो रहे विशेष अनुष्ठान के लिए देश भर के धार्मिक नेताओं और संतों को निमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं।
अयोध्या में आज से विशेष अनुष्ठान
सरयू आरती स्थल से कलश यात्रा आज- सरयू आरती स्थल से कलश यात्रा निकाली जाएगी। राम दरबार की संगमरमर की मूर्ति प्रथम तल पर स्थापित की जाएगी। इसके साथ हीजटायु, तुलसीदास, वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
3-4 जून को वैदिक पूजा राम मंदिर अयोध्या में होगी। सुबह 6:30 से 12 घंटे तक वैदिक पूजा होगी।
5 जून को सुबह 6:30 से पूजा शुरू होगी, 5 जून को 11:00 बजे अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
101 वैदिक विद्वान होंगे अनुष्ठान में शामिल, 6 जून से श्रद्धालु कर सकेंगे राम दरबार के दर्शन।
पहली मंजिल पर होगा अभिषेक
राम दरबार और सात अन्य मंदिरों का अभिषेक राम मंदिर की पहली मंजिल पर किया जाएगा। इसमें गर्भगृह के चारों ओर बनाये जा रहे आयताकार घेरे का भी वर्णन किया गया है, जिसके कोनों पर और घेरे के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर मंदिर स्थित होंगे। निमंत्रण में बताया गया है कि अभिषेक समारोह शिव, गणेश, हनुमान, सूर्य, भगवती, अन्नपूर्णा और शेषावतार समेत विभिन्न देवताओं को समर्पित मंदिरों में आयोजित किये जाएंगे।
प्रमुख मूर्तियां:
शिवलिंग (मंदिर स्थल) गणेश (दक्षिण-पूर्व कोना) हनुमान (दक्षिणी भुजा) सूर्य देव (दक्षिण-पश्चिम कोना, रथ सहित) अन्नपूर्णा व राम रसोई (उत्तरी भुजा)
मंदिर परिसर में सुबह के जलपान और दोपहर के भोजन की व्यवस्था
आमंत्रित अतिथियों के लिए ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में सुबह के जलपान और दोपहर के भोजन की व्यवस्था की है। हालांकि, उनके संबंधित आश्रमों में रात का खाना खाने की उम्मीद है। ट्रस्ट के निमंत्रण में आयोजन के आध्यात्मिक महत्व पर जोर दिया गया है और धार्मिक नेताओं से पवित्र गवाहों के रूप में समारोह में उपस्थित होने का आग्रह किया गया है।
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