जन उपयोगी सेवा हेतु स्थायी लोक अदालत का उठायें लाभ /अध्यक्ष।
संत कबीर नगर, 03 जून 2025 (सूचना विभाग)।* स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष इश्तियाक अली एवं जिला प्राधिकरण के सचिव देवेन्द्र नाथ गोस्वामी द्वारा समस्त पराविधिक स्वयं सेवकों के साथ बैठक आहूत की गई तथा स्थायी लोक अदालत के लाभ के बारे में आम जनमानस में प्रचार करने हेतु निर्देशित किया गया।
जनपद स्वयं सेवकों को बताया गया कि न्यायालय परिसर में स्थायी लोक अदालत का संचालन होता है, जिसमें पीड़ित अथवा आवेदक अपने माजन का समाधान मात्र एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करके सुलह-समझौता के माध्यम से समाधान करवा सकता है। इस न्यायालय में अन्य न्यायालयों की तरह अधिवक्ता अथवा वकालतनामा की आवश्यकता नहीं होती। उक्त बातें स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष इश्तियाक अली द्वारा बताया गया है। अध्यक्ष ने बताया कि स्थायी लोक अदालत का गठन विधिक सेवाएं प्राधिकरण अधिनियमए 1987 की धारा 22.बी की उप धारा(१) के अंतर्गत हुआ है। जनहित सेवाओं से संबंधित विभाग जैसे बिजली, पानी, अस्पताल, ट्रांसपोर्ट, डाक विभाग, हवाई यातायात, समुद्र यातायात, जलकर, टेलीग्राफ समेत कोई भी पब्लिक यूटिलिटी सर्विस के आदि से संबंधित मामलों को निपटाने के लिए राज्य प्राधिकरण द्वारा स्थायी लोक अदालतों की स्थापना की गई है। केंद्र सरकार ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 22 का विस्तार करते हुए शिक्षा व शैक्षणिक संस्थान एवं हाऊस एंड रियल स्टेट को भी लोक उपयोगी सेवा में शामिल कर दिया है। अब ऐसे मामलों की सुनाई स्थायी लोक अदालत की पीठ में हो सकेगी और तीन महीने के अंदर पीड़ित को न्याय मिल सकेगा।
उन्होंने समस्त पराविधिक स्वयं सेवको को निर्देशित किया कि आम जनमानस में उक्त जानकारी को अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें, तथा जनपद वासियों से अपील किया कि कोई भी पक्ष जिसका संबंध इन जनहित सेवाओं से है वह इन विवादों को निपटाने के लिए स्थायी लोक अदालत में आवेदन कर सकता है। सबसे पहले विवाद को आपसी सुलह के द्वारा सुलझाने का प्रयास किया जाता है और सहमति के बाद अवार्ड पास कर दिया जाता है। यदि आपसी सुलह के द्वारा केस का फैसला नही हो पाता तो स्थायी लोक अदालत में मामले का निपटारा मामले के गुण-अवगुण के आधार पर कर दिया जाता है। अवार्ड पास होने के पश्चात वह न्यायालय की डिक्री की तरह ही संबंधित पक्षों पर अनिवार्य रूप से लागू कराया जाता है। इसके फैसले के विरूद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नही की जा सकती। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायालय परिसर में संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर तमाम पराविधिक स्वयं सेवक उपस्थित रहे।
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