ज्येष्ठ माह का चौथा बड़ा मंगल हनुमान जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

ज्येष्ठ माह का चौथा बड़ा मंगल हनुमान जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

हनुमान जी :ज्येष्ठ माह के चौथे बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा के लिए बेहद खास माना और शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा अर्चना करने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। धार्मिक मान्यता है कि बड़े मंगल के व्रत-पूजन करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और साधक से जीवन में आने वाले सभी संकट को दूर करते हैं। आज रात से ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ हो रही है।

कब तक रहेगी अष्टमी तिथि?
वैदिक पंचांग के मानें तो अष्टमी तिथि की शुरुआत 2 जून की रात 08.35 बजे से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन आज यानी 3 जून रात 09.56 बजे होगी। आज हनुमान मंदिरों को बेहद खास तरीके से सजाया जाएगा और श्रीरामचरितमानस का पाठ भी होगा।

शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ समय- 3 जून की सुबह 04.02 से लेकर 12.40 तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 02.38 बजे से 03.34 तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07.14 मिनट से 07.35 बजे तक
निशिता मुहूर्त- रात 11.59 से 12.40 मिनट तक

महत्व
मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी को अमरता का वरदान प्राप्त हुआ था, इसलिए यह दिन विशेष रूप से बेहद खास माना जाता है। आज हर मनुष्य को हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ जरूर करना चाहिए, इससे हनुमान जी बेहद प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

पूजा विधि
पहले एक साफ चौकी लें और हनुमान जी प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें लाल चोला, फूल और सिंदूर अर्पित करें। इसके साथ ही चमेली का तेल और तुलसी का माला भी अर्पित करें। भोग में हनुमान जी को बूंदी के लड्डू, गुड़ और चने का भोग लगाएं। इसके बाद हनुमान जी के बीज मंत्र का जाप करें, साथ ही हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। अंत में आरती कर क्षमा याचना भी जरूर करें।

हनुमान जी का बीज मंत्र
ॐ हं हनुमते नमः  ॐ ऐं भ्रीम हनुमते श्री राम दूताय नमः  ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा:  ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा:  ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्: ॐ नमो भगवते हनुमते नमः

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