बी-2 बॉम्बर्स को अमेरिका ने आगे बढ़ने का आदेश
वॉशिंगटन: अमेरिका ने अपने ताकतवर बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स को मिसूरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से गुआम के लिए रवाना किया है। गुआम, पश्चिमी प्रशांत महासागर में अमेरिका का अहम सैन्य ठिकाना है और यह मिडिल-ईस्ट के बेहद करीब है। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब इजरायल और ईरान के बीच मिसाइल हमलों का सिलसिला पिछले एक हफ्ते से जारी है। इन हमलों में सैन्य ठिकानों के साथ-साथ आम नागरिक इलाकों को भी नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल के साथ इस जंग में अमेरिका के कूदने को लेकर विचार कर रहे हैं।
ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल का हमला
इस बीच, इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं, जिनमें नतांज और इस्फहान के रिसर्च सेंटर शामिल हैं। इजरायल का दावा है कि उसने इस्फहान के पास एक परमाणु रिसर्च सेंटर पर हमला किया, जिसमें दो सेंट्रीफ्यूज प्रोडक्शन साइट्स को निशाना बनाया गया। इस हमले में 3 वरिष्ठ ईरानी कमांडरों के मारे जाने की भी खबर है। ईरान का फोरदो परमाणु ठिकाना, जो तेहरान के पास एक मजबूत भूमिगत साइट है, केवल अमेरिका के पास मौजूद खास बंकर-बस्टर बम (GBU-57 मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर) से ही नष्ट किया जा सकता है। यह बम 13,000 किलो से ज्यादा वजनी है और इसे केवल बी-2 स्टील्थ बॉम्बर ही ले जा सकता है। यह बम 200 फीट मिट्टी या कंक्रीट को भेदकर धमाका करने की ताकत रखता है।
बी-2 बॉम्बर्स के आगे बढ़ने से ईरान में खलबली
इजरायली ब्रॉडकास्टर KAN के मुताबिक, बी-2 बॉम्बर्स के साथ 4 बोइंग KC-46 पेगासस रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट भी भेजे गए हैं। इनमें से 2 टैंकरों ने प्रशांत महासागर के ऊपर हवा में ईंधन भरने का काम पूरा किया और बाकी 2 बॉम्बर्स से 75 किलोमीटर आगे उड़ान भर रहे हैं। इसके अलावा, 2 और KC-46 टैंकर सैन फ्रांसिस्को के उत्तर से उड़ान भरकर हवाई में रिफ्यूलिंग के लिए रुकेंगे, फिर मिशन में शामिल होंगे। अभी ये साफ नहीं है कि क्या B-2 बॉम्बर्स का डिप्लॉयमेंट मिडिल-ईस्ट में तनाव को देखते हुए हो रहा है लेकिन इन विमानों के आगे बढ़ने के साथ ही ईरान में खलबली मच गई है।
बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर की खासियतें
स्टील्थ टेक्नोलॉजी: दुश्मन के रडार से बचने की अत्याधुनिक तकनीक, जो इसे लगभग अदृश्य बनाती है।
लंबी दूरी की मारक क्षमता: बिना रुके हजारों किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है।
परमाणु और पारंपरिक हथियार: भारी बमों और मिसाइलों को ले जाने की क्षमता, जिसमें GBU-57 जैसे बंकर-बस्टर बम शामिल हैं।
जीपीएस आधारित निशाना: सटीक हमले के लिए मजबूत जीपीएस सिग्नल की जरूरत होती है।
गहरे ठिकानों पर हमला: भूमिगत सैन्य या परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की खास ताकत।
इजरायल ने कहा- हम लंबी जंग के लिए तैयार
इजरायल ने दावा किया है कि वह लंबी जंग के लिए तैयार है। इस्फहान में हमले के बाद वहां के एक पहाड़ी इलाके से धुआं उठता देखा गया। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इजरायल ने दो चरणों में हमला किया। इससे पहले भी ईरान के कई सेंट्रीफ्यूज प्रोडक्शन साइट्स पर हमले हो चुके हैं। दूसरी तरफ, अमेरिका का बी-2 बॉम्बर्स को गुआम भेजना एक बड़ा रणनीतिक कदम माना जा रहा है। यह न केवल इजरायल को समर्थन का संदेश है, बल्कि क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका की सैन्य ताकत का प्रदर्शन भी है। फिलहाल, पूरी दुनिया की नजर इस जंग के अगले कदम पर टिकी है।
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