ओटीएस में विघुत अधिकारियों का करोडो का हेरफेर की षिकायत डीएम बैठाई जांच
षिकायत के बाद ही षिकायतकर्ता का नाले में मिला षव
अधिकारियों के उत्पीडन से परेषान युवक ने दी थी जान
पीलीभीत । सरकार द्धारा चलाई जा रही ओटीएस योजना में संेध लगाते हुए विघुत अधिकारियों ने एक नया खेल खेलना षुरू कर दिया। अजय प्रकाष पुत्र रामपाल निवासी ग्राम कृष्ण कालोनी थाना सुनगढी ने डीएम को दी षिकायत में बताया कि विघुत अभियन्ता मोहित गुप्ता एवं नीरज सिंह ने सरकार की योजनाओं में पलीता लगाते हुए बडे बकायेदारों से सांठगांठ कर ली। सांठ गांठ में एक लाख रूप्ये के बकायेदार से पचास हजार रूप्ये लेकर उनको पांच हजार रूप्ये की रसीद भी दे दी। और न उनका बकाया षून्य दिखा दिया। ऐसे ही दर्जनों उपभोक्ताओं की एकांउट आईडी दर्षाते हुए बताया गया है कि किन किन उपभोक्ताओं से बडी रकम लेकर उनको लाभ पहंुचाया गया है। षिकायतकर्ता ने बताया कि एकांउट आईडी 6485150100 जिस पर 82454 रूप्ये का बिल बकाया था।
मात्र चालीस हजार रूप्ये लेकर छह हजार की रसीद देकर बिल षून्य कर दिया गया। आईडी नं0-9337089000 का बिल 42156 है एकांउट आईडी 8954297000 का बिल 46641 है, 8131269000 का बिल 37973 है, 0797197000 का बिल 78977 है ,1749889000 का बिल 85550 है, 0027529000 का बिल 40686 है, 454690888000 का बिल 31992 है इन सभी बकायेदारों के बिल आधी आधी रकम लेकर चार या पांच हजार रूप्ये की रसीद देकर बिल षून्य कर दिया गया है। इसी तरह से दौलतराम का बिल 108354 रूप्ये बनेरी की आईडी का 15847 रूप्ये का था जो कि सभी बिल आधी रकम लेकर दो तीन हजार रूप्ये की रसीद देकर बिल को षून्य कर दिया गया है।
प्रार्थना पत्र में अजय प्रकाष ने अधिकारियों को सरकार को करोडो रूप्ये के चूना लगाये जाने की षिकायत डीएम से की जिसके लिए एक कमेटी गठित की गई। और जब एक्सईन से बात की गई तो उन्होने बताया कि पूरनपुर एक्सईन को जांच सौंपी गई है। इसके बारे में वह ही बता पायेगें। और जब इन आईडी नंम्बरों की डिटेल मांगी गई तो एक्सईन ने यह कहकर मना कर दिया कि जांच चल रही है इन आईडी नंबरों के नाम और पता हम नही बता सकते। पूरनपुर एक्सईन से कई बार दूरभाष पर संपर्क करने की कोषिष की गई लेकिन बात नही हो पा रही है।