
भीलवाड़ा। भीलवाड़ा जिले में वाहन की टक्कर से एक पैंथर की दर्दनाक मौत हो गई। मेनाल के निकट एनएच- 27 पर पैंथर सड़क पार कर रहा था, तभी वाहन की चपेट में आ गया। पिछले दो महीने में पैंथर की वाहन की टक्कर से यह दूसरी मौत है। पैंथर सड़क पार कर जंगल की तरफ जा रहा था, तभी अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया। सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पैंथर के शव को अपने कब्जे में लिया। इसके बाद पौधशाला अम्बा की बावड़ी लाकर उसका तीन पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम करवाया, फिर उसी नर्सरी में अंतिम संस्कार किया। इस टीम में क्षेत्रीय वन अधिकारी दशरथ सिंह पुलिस के एएसआई गोपाल सिंह वन नाका इंचार्ज लोकेंद्र सिंह और रविंद्र सिंह शामिल थे।
क्षेत्रीय वन अधिकारी दशरथ सिंह राठौड़ ने बताया कि मृत पैंथर मादा है, जो प्रारंभिक रूप से 4 साल की लग रही है। दशरथ सिंह ने बताया कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर सघन वन और वन्यजीवों की बहुलता के कारण हमने एनएचएआई को 10 अंडरपास बनाने के लिए लिख रखा है। जिससे सड़क पार करते समय यह वन्यजीव दुर्घटना का शिकार ना हों। दो महीने पूर्व इसी राजमार्ग पर मेनाल के निकट एक मादा पैंथर की सड़क पार करते समय अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी। लाडपुरा वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी ने बताया कि इस राजमार्ग पर हर साल 2 से 3 पैंथर असमय मौत के मुंह में चले जाते हैं। इस वन क्षेत्र में 30 से अधिक पैंथर है, जिनकी सुरक्षा जरूरी है। एनएचआई को 10 अंडरपास बनाने के लिए कई बार लिखा है। इस राजमार्ग पर भालू की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। बाकी वन्यजीव लोमड़ी, जरख, नेवला, सियार तो आए दिन दुर्घटनाओं के शिकार होते रहते हैं। यह राजमार्ग सघन वन क्षेत्र से निकल रहा है यहां जंगली जीवों के प्राकृतिक आवास बने हुए हैं। मगर अंडर पास नहीं होने से वह सड़क पार करते समय दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं।