निजीकरण के विरोध में आज राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन
लखनऊ। निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन: उप्र के बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर मे विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला: प्रयागराज में दो फरवरी तक कोई आंदोलन नहीं होगा। उप्र, चण्डीगढ़ और राजस्थान में बिजली के निजीकरण के निर्णय के विरोध में 31 जनवरी को देश भर में बिजली कर्मी विरोध प्रदर्शन करेंगे। आज उप्र के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला।
नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के निर्णय के अनुसार उप्र, चंडीगढ़ और राजस्थान में बिजली के निजीकरण की चल रही प्रक्रिया के विरोध में देश के सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ के विद्युत विभाग को गोयनका ग्रुप की एमिनेंट इलेक्ट्रिक कम्पनी को एक फरवरी को सौंपने की तैयारी चल रही है जिससे पूरे देश के बिजली कर्मचारियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। ध्यान रहे कि उप्र के पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को घाटे के नाम पर बेचने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी ओर मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ के बिजली विभाग की 22 हजार करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों को मात्र 871 करोड़ रुपए में बेचा गया है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आवाहन पर आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला । संघर्ष समिति ने कहा कि मोमबत्ती जुलूस निकालकर आम नागरिकों को यह संदेश दिया जा रहा है कि यदि बिजली का निजीकरण न रोका गया तो निजी क्षेत्र में बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि उपभोक्ताओं को मोमबत्ती का ही सहारा लेना पड़ेगा।
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